हिन्दू धर्म में तिथि का बहुत महत्व होता है कुछ विशेष तिथियों पर कुछ ऐसे योग बनते है जिनमे यदि देवों का पूजन किया जाता है तो विशेष फल की प्राप्ति होती है. ऐसा ही एक योग मंगलवार 27 फरवरी को आने वाला है. इस दिन फाल्गुन शुक्ल पंचमी तिथि है यदि व्यक्ति इस तिथि पर भगवान शिव के नागेश्वर रूप की पूजा करता है तो यह उसके लिए बहुत ही शुभ फलदायी होता है. आइये आगे जानते है. इस दिन यानी मंगलवार को पंचमी पूर्णा संज्ञक श्रीमती कहलाती है जो व्यक्ति के लिए बहुत ही शुभ फलदायी है यह तिथि दक्षिण दिशा की स्वामिनी सिद्धिदा है तथा शुक्ल पक्ष में शिव व कृष्ण पंचमी के वृष राशि पर होने से यह पंचमी बहुत ही शुभफलदायी व लक्ष्मी कृपा प्राप्ति का कारक है. यदि कोई व्यक्ति इस पंचमी पर भगवान् शिव की आराधना करता है तो उसे विशेष फल की प्राप्ति होती है इस पंचमी पर भगवान् शिव के नागेश्वर रूप की पूजा करना अधिक लाभदायी होता है. क्योंकि यह पंचमी नागों के ईश्वर को समर्पित है. इससे सम्बंधित एक पौराणिक कथा है जिसका वर्णन रूद्र संहिता में किया गया है इसके अनुसार भगवान् शिव के वैश्य भक्त सुप्रिय अपने सभी कार्यों को भगवान् शिव को समर्पित करता था जो दारुक नाम के दानव को पसंद नहीं था जिसके कारण वह सुप्रिय की आराधना में बाधा उत्पान्न करता था. एक दिन रुष्ट होकर दारुक दानव ने सुप्रिय का हरण कर उसे अपने राज्य में बंदी बना लिया. लेकिन सुप्रिय महादेव की भक्ति निरंतर करता रहा. इस बात से क्रुद्ध होकर दारुक ने उसे मृत्युदंड दिया अपने भक्त की रक्षा के लिए महादेव उस बंदीगृह में एक सिंहासन पर ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रकट हुए और सुप्रिय को पाशुपतास्त्र प्रदान किया जिससे सुप्रिय ने दारुक का संहार किया. यह वही दिन था जिसे फाल्गुन पंचमी के नाम से जाना जाता है व भगवान शिव की नागेश्वर के रूप में पूजा व व्रत किया जाता है जिसके करने से व्यक्ति की सभी मनोकामना पूर्ण होती है व उसके सभी कष्ट समाप्त होते है. फेंगशुई के आधार पर ऐसे करें अपनी समस्या का निराकरण ऐसे व्यक्ति किसी भी काम को करते है मन लगा कर तो जीवन में शुरू हो जाएगा धन का आगमन यह चीजें जीवन में अच्छा होने का इशारा है