सावन का महीना 14 जुलाई से शुरू होने जा रहा है। जी हाँ और इस महीने में शिवजी को प्रसन्न करने के लिए कोई प्रतिदिन जल अर्पित करता है तो कोई पूरे महीने एक समय ही भोजन करता है। इसी के साथ इस महीने में सभी के मन में बस एक ही कामना होती है कि भोलेनाथ उनकी भक्ति से प्रसन्न हो जाएं। कहते हैं कि भगवान शिव एक लोटा जल चढ़ाने से भी प्रसन्न हो जाते हैं, हालाँकि अगर उन्हें कुछ खास चीजें चढ़ाई जाएं तो उनकी कृपा लंबे समय तक अपने भक्तों पर बनी रहती है। आपको बता दें कि सावन के मौके पर अगर उनकी आरती की जाए तो भी वह बहुत खुश होते हैं और मनचाहे फल देते हैं। आइए जानते हैं शिव जी की आरती। भगवान शिव की आरती (Shiv ji Ki aarti) जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा । ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॥ ॐ जय शिव ओंकारा ॥ एकानन चतुरानन पंचानन राजे । हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥ दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे । त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥ अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी। चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥ श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे । सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥ कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता । जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥ ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका । प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥ काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी । नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥ त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे । कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥ 9 जुलाई को है गौरी व्रत, जानिए पूजा विधि 'भारत नफरत की सबसे बड़ी मशीन है, मुझे यहाँ डर लग रहा है', हिन्दू देवताओं का मजाक उड़ाने वाली डायरेक्टर का बयान सोमवार के दिन इस विधि से करें भगवान शिव की पूजा