'7 किलो वजन घट गया, गंभीर बीमारी..', जमानत मांग रहे केजरीवाल के दावों पर तिहाड़ जेल ने जारी की मेडिकल रिपोर्ट !

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (AAP) प्रमुख और दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल लगातार दावा कर रहे हैं कि तिहाड़ जेल में एक महीने के अंदर उनका वजन बिना किसी कारण के 7 किलो कम हो गया है और यह एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। उन्होंने यह दावा सुप्रीम कोर्ट में अपनी अंतरिम जमानत की अवधि 7 दिन बढ़ाने की मांग करते हुए भी किया, जिसे बाद में मंगलवार को कोर्ट ने खारिज कर दिया। केजरीवाल ने सर्वोच्च न्यायालय में भी कहा कि, उनका 7 किलो वजन घट गया है और उनके इलाज की जरूरत है। लेकिन, अब तिहाड़ जेल द्वारा जारी किए गए आंकड़े केजरीवाल की पोल खोलते नज़र आ रहे हैं।   

दरअसल, तिहाड़ जेल द्वारा जारी किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि जेल में रहने के दौरान उनका वजन लगभग अपरिवर्तित रहा। बठिंडा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा था कि, "मेरा वजन बहुत कम हो गया है। अगर किसी व्यक्ति का वजन बिना किसी कारण के एक महीने में 7 किलो कम हो जाता है, तो यह बहुत गंभीर समस्या है। इसलिए डॉक्टरों ने कई टेस्ट लिखे हैं। मैंने 7 दिन का समय मांगा है ताकि मैं एक हफ्ते में अपने सभी टेस्ट करवा सकूं। हो सकता है कि अंदर कोई गंभीर बीमारी चल रही हो। डॉक्टरों ने कहा कि अगर सभी टेस्ट हो जाएं, तो कम से कम हमें पता चल जाएगा कि अंदर कोई गंभीर बीमारी चल रही है या नहीं।"

 

इसके बाद कई AAP नेताओं ने भी दावा किया कि गिरफ्तारी के बाद ED की हिरासत में केजरीवाल का वजन 7 किलोग्राम कम हो गया है और उनका कीटोन स्तर बहुत अधिक है जो किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है। AAP नेता और दिल्ली की मंत्री आतिशी मार्लेना ने कहा कि, "हिरासत से बाहर होने और चिकित्सा देखरेख में होने के बावजूद, वह फिर से अपना वजन हासिल नहीं कर पाए हैं। शुरुआती परीक्षणों से संकेत मिला है कि उनका कीटोन स्तर बहुत अधिक है। अचानक वजन कम होना और कीटोन का उच्च स्तर कुछ गंभीर चिकित्सा बीमारियों का संकेत हो सकता है, जिसमें किडनी को नुकसान और कैंसर शामिल है।"

आतिशी ने दावा किया कि डॉक्टरों ने कई परीक्षणों की सलाह दी है, जिसमें "उनके पूरे शरीर का PET स्कैन और अन्य ऐसे गंभीर परीक्षण" शामिल हैं, जो जमानत की मांग को उचित ठहराते हैं। हालांकि, केजरीवाल के स्वास्थ्य पर तिहाड़ जेल द्वारा जारी किए गए आंकड़े बताते हैं कि ये सारे दावे सफ़ेद झूठ के अलावा कुछ नहीं हैं। गुरुवार (30 मई 2024) जारी एक बयान में तिहाड़ जेल के वरिष्ठ चिकित्सा प्रभारी ने 1 अप्रैल से 9 मई तक 6 अलग-अलग दिनों में केजरीवाल के शरीर के वजन का ब्योरा दिया है, जिससे पता चलता है कि उनका वजन 65 किलो से घटकर 64 किलो हो गया, जो बीच में 66 किलो हो गया था।

इसलिए, जब अरविंद केजरीवाल तिहाड़ जेल में न्यायिक हिरासत में थे, तो उनका वजन लगभग स्थिर रहा और उनके वजन में 7 किलोग्राम की भारी गिरावट नहीं आई, जैसा कि केजरीवाल और अन्य AAP नेताओं ने दावा किया था। यह पहली बार नहीं है जब AAP ने गिरफ्तारी के बाद केजरीवाल का वजन कम होने का दावा किया है। अप्रैल के पहले सप्ताह में आप ने दावा किया था कि उनका वजन 4.5 किलो कम हो गया है। लेकिन तिहाड़ जेल अधिकारियों ने उनका मेडिकल डेटा जारी करके इस झूठ का भंडाफोड़ कर दिया था, जिसमें दिखाया गया था कि उनका वजन 65 किलो पर स्थिर था। बाद में उनका वजन 1 किलो बढ़कर 66 किलो हो गया।

जेल में उनका वजन बढ़ना चीनी युक्त भोजन के सेवन का नतीजा था, जबकि वह शुगर के मरीज हैं। ED ने आरोप लगाया था कि दिल्ली के सीएम मेडिकल आधार पर जमानत पाने के लिए अपने घर से लाए गए आम, आलू, मिठाई आदि खाकर अपना ब्लड शुगर लेवल बढ़ाने की कोशिश कर रहे थे। इससे पता चलता है कि AAP नेता और खुद सीएम अपने वजन के बारे में झूठ बोल रही है, जबकि आंकड़े इसके उलट हैं। 

 इसी बीच एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमे दावा किया जा रहा है कि, केजरीवाल ने तिहाड़ जेल में 63 लाख रुपए के आम खाए थे, जबकि शुगर के मरीज को आम की एक चीर भी मुश्किल से दी जाती है। वीडियो में अपना नाम राजेश भसीन बताने वाले शख्स ने दावा किया है कि, केजरीवाल ने जेल में 'मियाजाकी' नामक प्रजाति के आम खाए, जो 3 लाख रुपए का एक आम होता है। इस तरह केजरीवाल ने एक महीने में 63 लाख रुपए के आम खाए, जबकि वे शुगर के मरीज हैं। हालाँकि, वीडियो की पुष्टि नहीं हो पाई थी, लेकिन, केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में खुद ये बात कबूली थी कि,  दिल्ली सीएम ने जेल में आम और मिठाइयां खाई।  दिल्ली की मंत्री आतिशी मार्लेना ने भी कहा था कि, मुख्यमंत्री को जेल में केवल 6 बार मिठाइयां उपलब्ध कराई गईं थी। हालाँकि, इन दावों के बाद भाजपा ने आरोप लगाया था कि, केजरीवाल जानबूझकर मीठा खा रहे हैं, ताकि उनका शुगर लेवल बढ़े और वे मेडिकल ग्राउंड पर जमानत मांग लें।  

वहीं, इससे पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 'शीशमहल' मामले में भी घिरे थे। उनके सरकारी आवास के 'सौंदर्यीकरण' पर लगभग 45 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। केजरीवाल के आवास की मरम्मत पर 45 करोड़ रुपये खर्च किए जाने पर बीजेपी ने उन्हें ‘महाराजा' करार दिया था। भाजपा ने कहा था कि, बंगले के लिए ‘उत्कृष्ट' उत्पादों के चयन और ‘आलीशान एवं आरामदायक जीवन की लालसा' के लिए राजा-महाराजा भी केजरीवाल के आगे सिर झुकाएंगे। केजरीवाल के बंगले के लिए खरीदे गए 8 पर्दों में से एक का दाम 7 94 लाख रुपये से ज्यादा था, जबकि इनमें से सबसे सस्ता पर्दा 3.57 लाख रुपये का था। बंगले के लिए 1.15 करोड़ रुपये से ज्यादा मूल्य का संगमरमर वियतनाम से लाया गया था, जबकि 4 करोड़ रुपये पूर्व-निर्मित लकड़ी की दीवारों पर खर्च किए गए थे। इन सब आरोपों के बीच खुद को ईमानदार कहने वाले अरविंद केजरीवाल पर लोग कई सवाल उठा रहे हैं।

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