हथेली पर जाल का होना इंसान को बनाता है भाग्यशाली

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार व्यक्ति के हाथो में कई प्रकार की रेखाएं होती है जो उसके चरित्र, स्वभाव, और भविष्य को दर्शाती है किन्तु कई व्यक्तिओं के हांथो में बहुत सी रेखाएं आड़ी और खड़ी होती है जो एक दूसरी रेखाओं को काटती है और एक जाल का निर्माण करती है. इस जाल का व्यक्ति के स्वभाव से गहरा सम्बन्ध होता है. आइये जानते है की यदि जाल किसी भाग में होता है तो उसका प्रभाव अनुकूल होता है. आइये जानते है जाल किस प्रकार व्यक्ति के स्वभाव को प्रभावित करता है.

गुरु पर्वत पर जाल – यदि किसी व्यक्ति की हथेली पर जाल का चिन्ह गुरु पर्वत पर होता है तो ऐसे व्यक्ति का स्वभाव क्रूर, स्वार्थी, निर्दयी, और घमंडी होता है.

शनि पर्वत पर जाल – जिस व्यक्ति के शनि पर्वत पर जाल का चिन्ह पाया जाता है उसकी प्रवृत्ति कंजूस और आलसी होती है जिसके कारण उसे समाज में उपहास का पात्र बनना पड़ता है.

बुध पर्वत पर जाल – वह व्यक्ति जिसके गुरु पर्वत पर जाल का चिन्ह होता है वह अपने सभी किये गए कार्य पर पछताता रहता है और उसका सम्पूर्ण जीवन पछताने में व्यतीत हो जाता है.

चन्द्र क्षेत्र पर जाल – जिस व्यक्ति के चन्द्र क्षेत्र में जाल बना होता है तो उसका स्वभाव अस्थिर होता है वह अपने जीवन में कभी भी संतुष्ट नहीं होते है.

केतु पर्वत पर जाल – जिस व्यक्ति के केतु पर्वत पर जाल होता है वह व्यक्ति अपने जीवन में हमेशा किसी न किसी रोग से ग्रसित होता है.

शुक्र पर्वत पर जाल – जिस व्यक्ति के शुक्र पर्वत पर जाल का चिन्ह होता है उस व्यक्ति का चरित्र बहुत कमजोर होता है. यह व्यक्ति अपने जीवन को अधिकतर भोग विलास में ही व्यतीत करते है.

मणिबंध पर जाल – जिस व्यक्ति की हथेली के मणिबंध पर जाल बना होता है इन व्यक्तिओं के चरित्र की हानि होती है.

 

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