क्या असल जिंदगी में ऐसा होता है कि हम प्यार में होते है और डरते भी है. इस सवाल का जवाब है हां, प्यार और डर ये दोनों एहसास एक साथ व्यक्ति के साथ सफर करते है. प्यार में डर भी कई तरह का हो सकता है, प्रेमी को खोने का डर, बिछड़ने का डर, किसी और के हो जाने का डर! कई लोग कहते है कि प्यार हमें कमजोर बनाता है. प्यार में पड़ना किसी खतरे से कम नहीं है. प्यार में पड़ने से हमारी आत्म केंद्रित होने की पुरानी आदतें छूट जाती है. हमें यह एहसास होता है कि हम जितना किसी का ख्याल रखते है, हमारे दुःख का दायरा उतना ही बढ़ने लगता है. जब हमे असली ख़ुशी और आनंद मिलता है तब हम संतुष्ट होते है. किन्तु यही चीजें आगे जा कर दुःख का कारण बनती है. हमें डर लगने लगने लगता है कि यह ख़ुशी हमसे छीन न जाए. कई बार लोग किसी के साथ रिश्ते में इसलिए नहीं पड़ते क्योंकि जिसे वह पसंद करते है, उसे खोने का डर लगा रहता है. इसलिए वह ऐसी कोई परिस्थिति नहीं बनने देते, जिससे वह अपने प्रेमी को खोएं. प्यार परवाह का पूरक है. जब हम किसी से प्यार करते है तब उसकी परवाह करते है, उसे किसी तरह से चोट पहुंचाने से डरते है. ऐसा शायद इसलिए भी होता है कि जितना अधिक आपके पास होता है, उसे खोने का डर भी उतना ही ज्यादा होता है. ये भी पढ़े लड़कियों को इस तरह के फेस वाले लड़के आते है पसंद खुद को जानने की पहल इस तरह करे ऐसे बनाये मैरिड लाइफ को सक्सेसफुल न्यूज़ ट्रैक पर हम लिखते है आपके लिए कुछ मज़ेदार और फ्रेश फैशन, ब्यूटी, हेल्थ, फिटनेस से जुडी ज्ञानवर्धक बातें जो आपको रखेगी स्वस्थ और तंदुरस्त