पटना: बिहार में एनडीए नेता 2024 लोकसभा चुनाव के पहले चरण में कम मतदान से चिंतित हैं। इस मुद्दे पर बीजेपी और जेडीयू दोनों सक्रिय हो गए हैं और अपने कार्यकर्ताओं को अलर्ट कर दिया है। उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं को जमीनी स्तर पर प्रचार अभियान तेज करने का निर्देश दिया है। जदयू ने बूथ समितियों और पंचायत समितियों को लोगों तक पहुंचने और उन्हें वोट देने के लिए आग्रह करने को कहा है। इसी तरह बीजेपी ने बूथ प्रमुखों से लेकर अपने कार्यकर्ताओं को घर-घर जाकर प्रचार करने का जिम्मा सौंपा है। विपक्षी पार्टी राजद ने भी वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के तरीकों पर मंथन किया है। शुक्रवार को हुए लोकसभा चुनाव के पहले चरण में बिहार की चार सीटों नवादा, जमुई, औरंगाबाद और गया पर वोटिंग हुई। इस चरण में मतदान प्रतिशत केवल 48।23 प्रतिशत था, जो कि पिछले लोकसभा चुनाव 2019 की तुलना में पांच प्रतिशत कम है। इस कम मतदान ने राजनीतिक दलों के लिए चुनौतियां खड़ी कर दी हैं और चुनाव परिणामों पर असर पड़ सकता है। नतीजतन, सभी दलों ने लोकसभा चुनाव के आगामी चरणों में अधिकतम मतदान के महत्व पर जोर देना शुरू कर दिया है। कम मतदान प्रतिशत के बाद जेडीयू ने स्थिति की समीक्षा की और अपने जन जागरूकता अभियान को तेज करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने मतदान के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए बूथ और पंचायत स्तर पर अपने कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंपी है। इसी तरह बिहार बीजेपी ने अपनी निचली इकाइयों को और अधिक सक्रिय रहने का निर्देश दिया है। बूथ प्रमुखों और पन्ना प्रमुखों को अपने जनपहुंच प्रयासों को बढ़ाने के लिए कहा गया है। पार्टी नेताओं को निर्देश दिया गया है कि वे चुनाव प्रचार के दौरान लोगों से वोट डालने की अपील करें। विपक्षी पार्टी राजद के प्रदेश कार्यालय में हुई बैठक में गरीबों, मजदूरों और अति पिछड़ा व पिछड़ा वर्ग के लोगों की भागीदारी बढ़ाने का निर्णय लिया गया। बैठक के बाद प्रदेश राजद के मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि पार्टी स्तर पर मतदान प्रतिशत बढ़ाने के प्रयास तेज किये जायेंगे। पंजाब में किसानों के प्रदर्शन के कारण 54 ट्रेनें रद्द, हज़ारों यात्री हुए परेशान यूपी में दुखद हादसा, ट्रैक्टर और ट्रक की भिड़ंत में 4 महिलाओं की मौत, 20 घायल 'इतिहास विश्वासघातियों को माफ़ नहीं करेगा..', भाजपा में शामिल हुए 100 से अधिक नेता तो भड़की कांग्रेस