नई दिल्ली: 2008 वौश्विक मंदी की भविष्यवाणी करने वाले भारतीय रिज़र्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने एक बार फिर दुनिया को चेतावनी देते हुए कहा है की दुनिया भर में कम ब्याज दर की वजह से विश्व अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. उन्होंने कहा इस समस्या का बेहतर समाधान तलाशने के लिए हमें नए नियमों की आवश्यकता है राजन ने बताया कि यूरोप और अमेरिका के साथ विश्व के सभी देशों ने की अर्थिक विकास के लिए ब्याज दरों को कम रखा है. लेकिन ऐसे राष्ट्र एक तरह के 'मकड़ जाल' में फंसते जा रहे हैं. उन्होंने कहा, ''मुझे लगता है कि केंद्रीय बैंकों की पहल के लिहाज से यह स्वीकृत है कि इस संबध में अब अंतरराष्ट्रीय स्तर की बहस का समय आ गया है. अभी मैं कोई अंदाजा नहीं लगा सकता कि इस खेल के नए नियम हम कैसे तय करेंगे.'' राजन ने बताया कि इस समय हम ऐसे दौर में प्रवेश कर रहे हैं, जहां हम बिना किसी ठोस आधार के बढ़त हासिल कर सकते हैं.