नई दिल्ली: देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्या के दोषियों की रिहाई की मांग के बीच लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल इलम (लिट्टे) की तरफ से एक बयान जारी किया गया है, जिसमे कहा गया है कि हमारे संगठन द्वारा राजीव गांधी की हत्या नहीं की गई थी. तमिलनाडु की खुफिया एजेंसी ने इस बयान का संज्ञान लेते हुए इसकी जांच शुरू कर दी है. लिट्टे ने दावा किया है कि राजीव गांधी की हत्या से हमारा कोई लेना देना नहीं है, ना ही लिट्टे का भारत पर हमला या उसके खिलाफ षड्यंत्र करने की कोई योजना थी. रेलवे का यात्रियों को नया तोहफा, अब वेटिंग लिस्ट वालों को भी तुरंत मिलेगी सीट लिट्टे के बयान में कहा गया है कि राजीव गांधी पर हमले की बात भी नहीं सोची थी, लिट्टे के पूर्व चीफ प्रभाकरन ने पहले भी कहा था कि राजीव गांधी हत्या दुखद घटना थी. बयान में कहा गया है कि राजीव गांधी का लिट्टे साथ गोपनीय संबंध था. बयान में कहा गया है कि श्रीलंका की सरकार ने अन्य देशों के साथ मिलकर राजीव गांधी की हत्या का प्लान बनाया था. यह बयान 1 दिसंबर 2018 को लिट्टे के लेटर पैड पर जारी किया गया है, जिसपर संगठन के प्रतिनिधि कुरुबूरन गुरुस्वामी के साइन हैं. सराफा बाजार: एक हफ्ते में 390 रुपए घटी सोने की कीमत, चांदी में भी भारी गिरावट, जाने आज के दाम वहीं सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद तमिलनाडु सरकार ने राजीव गांधी की हत्या में दोषी सात लोगों को रिहा करने का आग्रह किया है. यह सिफारिश राज्यपाल से संविधान के अनुच्छेद 161 के अंतर्गत की गई है. इस कैबिनेट की अध्यक्षता तमिल नाडु के मुख्यमंत्री इके पलानीस्वामी ने की, जिसके बाद कैबिनेट मंत्री जी जयकुमार ने कहा कि सिफारिश को तुरंत राज्यपाल के पास भेज दिया जाएगा. आपको बता दें कि इस मामले में सभी सात दोषी 1991 से जेल में क़ैद हैं, जिनके नाम नलिनी श्रीहनर, मुरुगन अका श्रीहरन, जयकुमार, संथन, रॉबर्ट पायस, रविचंद्रन और पेरारीवलन अका अरिवू हैं. खबरें और भी:- पेट्रोल-डीजल : लगातार 11वें दिन हुई दामों में कटौती, यह है आज के दाम जॉर्ज बुश के ताबूत को लाने के लिए एयरफोर्स वन भेजेंगे ट्रम्प कल होगी RBI की अहम बैठक, बाजार पर पड़ेगा यह फर्क