फिर सांसद की भूमिका में आ सकते हैं मौर्य

नई दिल्ली /लखनऊ : उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टीम में जाने की सुगबुगाहट है. इसके पीछे नजरिया राजनीतिक भी है और संतुलन की पहल भी. खबर है कि चार महीने में ही यूपी की योगी सरकार में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के बीच सब कुछ सहज नहीं है.मंगलवार की कैबिनेट में भी मुख्यमंत्री ने मौर्य के कामकाज को लेकर सवाल उठाया. ऐसे में भाजपा मौर्य के संसदीय क्षेत्र फूलपुर को बचाते हुए उन्हें दिल्ली बुला सकती है.

गौरतलब है कि बसपा प्रमुख मायावती राज्यसभा से इस्तीफा दे चुकी हैं. ऐसे में यह अटकलें तेज हैं कि मौर्य के इस्तीफा देने की स्थिति में वह फूलपुर से लोकसभा का उपचुनाव लड़ सकती हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले विधानसभा चुनाव में सपा, बसपा और कांग्रेस का संयुक्त वोट भाजपा के लिए घातक हो सकता है.चुनाव से डेढ़-दो साल पहले विपक्षी एकता भी मजबूत हो सकती है. इसको टालने का आसान तरीका यही है कि मौर्य फूलपुर के सांसद बने रहें. इससे राज्य में  टकराव खत्म होने के साथ संतुलन हो जाएगा.

उल्लेखनीय है कि अगस्त के तीसरे सप्ताह में मोदी कैबिनेट का विस्तार संभावित है. कैबिनेट स्तर पर जहां कुछ मंत्रियों पर दो दो बड़े मंत्रालयों की जिम्मेदारी है तो वहीं आगामी कई विधानसभा चुनावों केदृष्टि से भी कुछ नए चेहरे लाए जा सकते हैं. ऐसे में केशव प्रसाद मौर्य को भी केंद्र में मंत्री बनाकर उपकृत किया जा सकता है.

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