लखनऊ. उत्तरप्रदेश के नगर निकाय चुनावों में वोटर लिस्ट उजागर हुई खामियों पर राज्य निर्वाचन आयोग ने जिला प्रशासन को फटकार लगाई. राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त सतीश कुमार अग्रवाल ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि राजधानी का प्रशासन नाकाबिल और नालायक साबित हुआ है. उन्होंने कहा कि केवल बीएलओ को निलंबित करने से काम नहीं चलेगा, अव्यवस्थाओं और लापरवाही के लिए तहसीलदार से लेकर जिलाधिकारी तक जिम्मेदार हैं. उन्होंने कहा कि जानबूझकर मतदाता सूचियों से नाम हटाकर मतदाताओं को उनके लोकतांत्रिक अधिकार से वंचित करना आपराधिक कृत्य है। उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन उनसे नहीं पूछेगा तो आयोग पूछेगा. उन्होंने कहा कि मंडलायुक्त की जांच रिपोर्ट से स्पष्ट होगा कि मतदाता सूची में नाम कितने कटे, किस कारण कटे. इसके बाद आगे की कार्रवाई होगी. अग्रवाल ने कहा कि, ईवीएम को लेकर बहुत शोर हुआ. हकीकत यह है कि पूरे चुनाव में सिर्फ 0.7 प्रतिशत ही बदलनी पड़ीं, जबकि मानकों के अनुसार दो फीसदी तक ईवीएम बदलना सामान्य है. उन्होंने बताया कि कुल 32,374 ईवीएम का इस्तेमाल किया गया. इसमें से सिर्फ 503 बदली गईं, लखनऊ में 250 बदलनी पड़ीं. पूरे प्रदेश में जितनी ईवीएम बदलनी पड़ीं, उसकी आधी अकेले लखनऊ में बदली गईं. अग्रवाल ने बताया कि मतदाता सूचियों में गड़बड़ी को लेकर उन्होंने समाचार पत्रों में प्रकाशित खबर पर ही संज्ञान लिया है. सपा और आप पार्टी की ओर से उन्हें लिखित में ज्ञापन देकर जांच कराने की मांग की गई है. उन्होंने कहा कि मतदाताओं की ओर से लिखित में शिकायत नहीं मिली है. आतंकियों के निशाने पर मुंबई एयरपोर्ट, मिली धमकी शताब्दी एक्सप्रेस में अचानक निकलने लगा धुआं क्या जीएसटी की परेशानी से मिलेगी मुक्ति ?