जयपुर: राजस्थान में लंपी वायरस के कारण महज एक माह में 50 हजार से अधिक गायों की मौत हो गई है। इन गोवंश को दफनाने की जगह खुले में फेंका जा रहा है, जिससे आस पास रहने वाले लोगों पर नई बीमारी का खतरा मंडराने लगा है। गोवंश में फैले इस वायरस की तुलना मनुष्यों के लिए जानलेवा साबित हुए कोरोना वायरस से की जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बीकानेर जिले में लंपी बीमारी से हर दिन 200 से 300 गायों की जान जा रही हैं, मगर प्रशासन इन आँकड़ों को छिपा रहा है। निगम प्रशासन की तरफ से बीकानेर शहर से सिर्फ 5 किमी दूर जोरबीर में गौवंश के शवों को खुले में फेंका गया है। हजारों गायों की लाशों को जंगली जानवर और चील गिद्ध नोंच रहे हैं। 3 किमी के दायरे में रहने वाले लोगों का दुर्गंध से जीना मुश्किल हो गया है। साथ ही लोगों पर संक्रमण और बीमारी का खतरा मंडराने लगा है। वहीं, राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने गौवंश की मौत पर दुख प्रकट करते हुए ट्वीट किया है। वसुंधरा राजे ने लिखा है कि, 'भारतीय संस्कृति में जिस गाय को ‘माँ’ की संज्ञा दी गई है, उसका ऐसा हश्र अब तक कभी नहीं हुआ। राजस्थान की कांग्रेस सरकार लंपी संक्रमण से गाय को बचाने के लिए ना तो उपचार की व्यवस्था कर रही है और ना ही उन्हें मरने के बाद दो गज जमीन मिल रही है।' खुले में पड़ी मृत गायों की लाशों की तस्वीर शेयर करते हुए वसुंधरा राजे ने एक और ट्वीट किया, जिसमे उन्होंने लिखा कि, 'यह तस्वीर भले ही बीकानेर की हो, लेकिन पूरे राजस्थान में आज गौमाता की यही स्थिति है। मृत गायों को खुले में फेंकने से संक्रमण तेजी से फेल रहा है। कहीं यह महामारी न बन जाए, क्योंकि मृत गायों की दुर्गंध और प्रदूषण से आस-पास के लोगों में भी अन्य बीमारियाँ फेल रही है।' 'हिजाब' मामले में रुद्राक्ष और क्रॉस का जिक्र.., सुप्रीम कोर्ट में हुई तीखी बहस जामा मस्जिद को बम से उड़ा देंगे, इमाम को गोली मारेंगे..., धमकी भरी चिट्ठी से हड़कंप राजस्थान के गृह राज्य मंत्री राजेंद्र यादव के परिसरों पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का छापा