तमिलनाडु में फिर भाषा पर घमासान, स्टालिन की केंद्र सरकार को चेतावनी- अगर तमिल में नहीं छापा तो...

चेन्नई: द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (डीएमके) की तरफ से भाषा के मसले पर कड़ा रुख वक्त-वक्त पर सामने आता रहा है. पार्टी की तरफ से पहले नई शिक्षा नीति के ड्राफ्ट का विरोध किया गया. फिर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के ‘एक राष्ट्र, एक भाषा’ वाले बयान पर आपत्ति जाहिर की गई. अब डीएमके ने ट्रैफिक चालान के फॉर्म में तमिल भाषा के ना होने पर विरोध व्यक्त किया है. 

डीएमके का सवाल है कि ट्रैफिक चालान के फॉर्म केवल अंग्रेज़ी और हिन्दी में ही क्यों प्रिंट करवाए गए हैं. डीएमके के अनुसार तमिलभाषियों का चालान काटे जाने पर उन्हें समझ ही नहीं आता कि उस पर क्या लिखा हुआ है? डीएमके चीफ एमके स्टालिन ने रविवार को केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि चालान में तमिल को दोबारा नहीं जोड़ा गया तो उनकी पार्टी पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन करेगी. पार्टी के यूथ विंग के सचिव उदयनिधि स्टालिन ने भी इस मसले पर केंद्र सरकार और तमिलनाडु की एआईडीएमके सरकार पर भी हमला बोला है.

उदयनिधि ने इस संबंध में एक नवंबर को काटे गए एक चालान की फोटो के साथ ट्वीट भी किया. उदयनिधि ने लिखा कि, “तमिलनाडु की स्थापना वाले दिन ट्रैफिक चालान में तमिल शब्द नहीं पाए जा रहे हैं. जबकि अमित शाह ने कहा था कि हिन्दी राष्ट्रीय भाषा है तो तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने मज़बूती से कहा था कि प्रदेश में केवल दो भाषा वाली नीति का पालन होता है. हालांकि उन्होंने ये नहीं बताया था कि ये दो भाषा वाली नीति असल में हिन्दी और अंग्रेज़ी से सम्बंधित है.”

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