हनोई : भारत के उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने गुरूवार को हनोई में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए भारत-वियतनाम के रिश्तों को और मजबूत करने पर जोर दिया। इसी के साथ उन्होंने भारतीयों को देश का सांस्कृतिक राजदूत बताते हुए उनसे सर्वे भवन्तु सुखिन: और वसुधैव कुटुंबकम के सिद्धांतों पर अमल करते हुए अपनी जन्मभूमि, मातृभूमि और मातृभाषा को कभी ना भूलने और उसका सम्मान करने की भी बात कही। टाइम मैगज़ीन के कवर पेज पर पीएम मोदी, पत्रकार ने लिखा- 'डिवाइडर इन चीफ' समय की कसौटी पर सही साझेदारी जानकारी के मुताबिक नायडू गुरूवार की शाम चार दिन की यात्रा पर वियतनाम पहुंचे। नायडू यहां मुख्य रूप से संयुक्त राष्ट्र के सोलहवें वेसाक दिवस को संबोधित करने आए हैं। उप राष्ट्रपति ने भारत-वियतनाम संबंधों को ऐतिहासिक बताते हुए कहा, हमारी साझेदारी समय की कसौटी पर सही उतरी है। 2000 से अधिक साल पूर्व भारतीय भिक्षु और व्यापारी अपने साथ भगवान बुद्ध का शांति और करुणा का संदेश लेकर यहां आए थे। हो ची मिन्ह और महात्मा गांधी से लेकर वर्तमान पीढ़ी के नेताओं ने इस विश्वास और सद्भावना को समृद्ध किया है। प्रिंस हैरी पर कमेंट करना पत्रकार को पड़ा महंगा, कंपनी ने नौकरी से निकाला कुछ ऐसा भी बोले नायडू इसी के साथ नायडू ने कहा कि वियतनाम में भारतीय समुदाय हालांकि छोटी संख्या में है, लेकिन उपलब्धियां व्यापक हैं। वही नायडू ने कहा कि वियतनाम में भारतीय और भारतीय व्यापार व उद्योग द्विपक्षीय समझ को बढ़ावा देने और स्थानीय अर्थव्यवस्था और समाज के लिए अवसर पैदा करने में सहायक रहे हैं। यही वजह है कि दो साल में यह दोगुना हो गया है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था चरमराई, कर्ज के बोझ से भी टूट रही कमर चुनाव हारने के बाद भी थाईलैंड में सैन्य शासक ही करेंगे शासन क्या जंग की तैयारी में है किम जोंग उन, सेना को दिया ऐसा आदेश