8 फरवरी के दिन मासिक दुर्गाष्टमी है। आप सभी को बता दें कि इस समय गुप्त नवरात्रि चल रही है। ऐसे में इन दिनों में मासिक दुर्गाष्टमी का होना बहुत शुभ माना जा रहा है। तो आज हम आपको बताते हैं मासिक दुर्गाष्टमी की कथा। मासिक दुर्गाष्टमी की कथा- पौराणिक मान्यताओं के अनुसार पृथ्वी लोक पर पहले बहुत असर हुआ करते थे। जो काफी शक्तिशाली हो गए थे। उन्ही में से एक था महिषासुर। जिसने कई देवी-देवताओं की जान ली और ब्राह्मणों को भी मौत के घाट उतारा। वह अक्सर स्वर्ग में तबाही मचा रहा था। ऐसे में महिषासुर के वध के लिए भगवान शिव, ब्रह्मा और विष्णु ने शक्ति का स्वरूप धरा। मां दुर्गा के इस स्वरूप को विशेष हथियार प्रदान किया। तब आदिशक्ति ने असुर महिषासुर का वध किया। कहते हैं इसी दिन के बाद से मासिक दुर्गा अष्टमी पर्व का आरंभ हो गया। माँ दुर्गा की आरती- जय अम्बे गौरी मैया जय मंगल मूर्ति । तुमको निशिदिन ध्यावत हरि ब्रह्मा शिव री ॥टेक॥ मांग सिंदूर बिराजत टीको मृगमद को । उज्ज्वल से दोउ नैना चंद्रबदन नीको ॥जय॥ कनक समान कलेवर रक्ताम्बर राजै। रक्तपुष्प गल माला कंठन पर साजै ॥जय॥ केहरि वाहन राजत खड्ग खप्परधारी । सुर-नर मुनिजन सेवत तिनके दुःखहारी ॥जय॥ कानन कुण्डल शोभित नासाग्रे मोती । कोटिक चंद्र दिवाकर राजत समज्योति ॥जय॥ शुम्भ निशुम्भ बिडारे महिषासुर घाती । धूम्र विलोचन नैना निशिदिन मदमाती ॥जय॥ चौंसठ योगिनि मंगल गावैं नृत्य करत भैरू। बाजत ताल मृदंगा अरू बाजत डमरू ॥जय॥ भुजा चार अति शोभित खड्ग खप्परधारी। मनवांछित फल पावत सेवत नर नारी ॥जय॥ कंचन थाल विराजत अगर कपूर बाती । श्री मालकेतु में राजत कोटि रतन ज्योति ॥जय॥ श्री अम्बेजी की आरती जो कोई नर गावै । कहत शिवानंद स्वामी सुख-सम्पत्ति पावै ॥जय॥ 8 फरवरी को है भीष्म अष्टमी, जानिए क्यों मिला था इच्छा मृत्यु का वरदान गुप्त नवरात्रि में जरूर करें दुर्गा चालीसा का पाठ आखिर क्यों शाहरुख़ ने लता मंगेशकर के लिए दुआ मांगकर मारी फूंक, जानिए वजह?