आप सभी को बता दें कि आज नवरात्र का दूसरा दिन है और आज मां के भक्त उनके दूसरे रूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना करके उन्हें प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं ऐसे में मां के नाम का पहला अक्षर ब्रह्म होता है जिसका मतलब होता है तपस्या और चारिणी मतलब होता है आचरण करना. वहीं मां ब्रह्मचारिणी ने अपने दाएं हाथ में माला और अपने बाएं हाथ में कमंडल धारण किया हुआ है और कहते हैं मां ब्रह्मचारिणी ने भगवान भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए एक हजार वर्ष तक कठोर तपस्या की थी. इसी के साथ इस दौरान मां ने फल-फूल खाकर बिताए और हजारों वर्ष तक निर्जल और निराहार रहकर तपस्या की और इसी वजह से उनका नाम ब्रह्मचारिणी पड़ा था. वहीं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो साधक विधि विधान से देवी के इस स्वरुप की पूजा अर्चना करता है उसकी कुंडलिनी शक्ति जाग्रत हो जाती है तो आइए आज हम आपको बताते हैं आखिर कैसे मां ब्रह्मचारिणी को प्रसन्न करने के लिए पूजा की जा सकती है. पूजन विधि- आज मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने के लिए सबसे पहले नहा-धोकर साफ-सुथरे कपड़े पहन लें. अब इसके बाद ब्रह्मचारिणी की पूजा के लिए उनका चित्र या मूर्ति पूजा के स्थान पर स्थापित करें और उस पर फूल चढ़ाएं दीपक जलाएं और नैवेद्य अर्पण करें. अब इसके बाद मां दुर्गा की कहानी पढ़ें और नीचे लिखे इस मंत्र का 108 बार जप करें. इस मंत्र का करें जाप- दधानां करपद्याभ्यामक्षमालाकमण्डल. देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्माचारिण्यनुत्तमा. इस विधि से मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से कई कष्ट दूर हो जाते हैं और मनुष्य की उम्र लंबी होती है. इसी के साथ अगर आपकी कुंडली में बुरे ग्रह स्थित हैं तो उनकी स्थिति सुधर जाती है. वहीं सारे दोष मिट जाते हैं और अंत में मनुष्य सारे सुख भोगकर स्वर्ग को प्राप्त होता है. नवरात्री स्पेशल : व्रत वाली धनिए की चटनी नवरात्री स्पेशल : टेस्टी एंड हेल्थी मखाने का हलवा Volkswagen Polo दे रहा है भारी डिस्काउंट वार्रन्टी के साथ, जाने यहाँ