आप सभी जानते ही हैं कि नवरात्र का सप्ताह आरम्भ हो चुका है. ऐसे में आज चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन मां दुर्गा के चंद्रघण्टा स्वरुप की पूजा विधि विधान से की जाती है. आप सभी को बता दें कि नौ देवियों में से मां चंद्रघण्टा की विधिपूर्वक पूजा करने से व्यक्ति निर्भीक और वीर होता है, साथ ही उसमें विनम्रता भी आती है. तो आइए आज हम आपको बताते हैं आइए जानते हैं कि नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघण्टा की वह आरती जिसे करने से आपके सभी पाप धूल सकते हैं. मां चंद्रघण्टा की आरती - पूर्ण कीजो मेरे काम चंद्र समान तू शीतल दाती चंद्र तेज किरणों में समाती क्रोध को शांत बनाने वाली मीठे बोल सिखाने वाली मन की मालक मन भाती हो चंद्र घंटा तुम वरदाती हो सुंदर भाव को लाने वाली हर संकट मे बचाने वाली हर बुधवार जो तुझे ध्याये श्रद्धा सहित जो विनय सुनाय हर संकट मे बचाने वाली हर बुधवार जो तुझे ध्याये श्रद्धा सहित जो विनय सुनाय मूर्ति चंद्र आकार बनाएं सन्मुख घी की ज्योत जलाएं शीश झुका कहे मन की बाता पूर्ण आस करो जगदाता कांची पुर स्थान तुम्हारा करनाटिका में मान तुम्हारा नाम तेरा रटू महारानी 'भक्त' की रक्षा करो भवानी पूजा मंत्र - पिण्डजप्रवरारूढ़ा ण्डकोपास्त्रकेर्युता. प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता॥ या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता. नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमो नम:.. आज है नवरात्र का तीसरा दिन, इस मंत्र और विधि से करे चंद्रघण्टा माँ का पूजन ज्योतिष के अनुसार जानिए कब खत्म होगा कोरोना का प्रकोप? आज है नवरात्र का तीसरा दिन, इस मंत्र और विधि से करे चंद्रघण्टा माँ का पूजन