नवरात्रि का पावन पर्व इन दिनों सभी जगह मनाया जा रहा है. ऐसे में यह पर्व सभी के लिए बहुत खा होता है और इस पर्व पर सभी के घरों में, मंदिरों में नौ दिन दुर्गा माँ के अलग-अलग अवतार की पूजा की जाती है. ऐसे में आज नवरात्रि का सांतवा दिन हैं और आज का दिन माँ कालरात्रि को समर्पित है. आज माँ कालरात्रि की पूजा की जाती है और उनकी पूजा में यह आरती गाना खूब शुभ मना जाता है इस आरती को गाने से माँ सब कुछ सुन लेती हैं और सभी की मुरादें भी पूरी हो जाती हैं. कहते हैं कि माँ को खुश करने के लिए इस आरती का गाना जरुरी है. तो आइए जानते हैं वह आरती. "आरती" कालरात्रि जय-जय-महाकाली। काल के मुह से बचाने वाली॥ दुष्ट संघारक नाम तुम्हारा। महाचंडी तेरा अवतार॥ पृथ्वी और आकाश पे सारा। महाकाली है तेरा पसारा॥ खडग खप्पर रखने वाली। दुष्टों का लहू चखने वाली॥ कलकत्ता स्थान तुम्हारा। सब जगह देखूं तेरा नजारा॥ सभी देवता सब नर-नारी। गावें स्तुति सभी तुम्हारी॥ रक्तदंता और अन्नपूर्णा। कृपा करे तो कोई भी दुःख ना॥ ना कोई चिंता रहे बीमारी। ना कोई गम ना संकट भारी॥ उस पर कभी कष्ट ना आवें। महाकाली माँ जिसे बचाबे॥ तू भी भक्त प्रेम से कह। कालरात्रि माँ तेरी जय॥ नवरात्रि के सातवें दिन ऐसे करें मां कालरात्रि की पूजा