चैत्र नवरात्रि के सांतवे दिन माँ कालरात्रि का पूजन किया जाता है। माँ कालरात्रि सभी दुखों को हर लेती हैं और व्यक्ति के जीवन में ख़ुशी ही ख़ुशी होती है। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं माँ कालरात्रि की आरती जिसका श्रवण और गायन कर आप माँ कालरात्रि को खुश कर सकते हैं और माँ कालरात्रि आप पर अपनी कृपा बरसाएंगी। माँ कालरात्रि की आरती- काल के मुंह से बचाने वाली दुष्ट संहारिणी नाम तुम्हारा महा चंडी तेरा अवतारा पृथ्वी और आकाश पर सारा काल के मुंह से बचाने वाली दुष्ट संहारिणी नाम तुम्हारा महाकाली है तेरा पसारा खंडा खप्पर रखने वाली दुष्टों का लहू चखने वाली कलकत्ता स्थान तुम्हारा काल के मुंह से बचाने वाली दुष्ट संहारिणी नाम तुम्हारा सब जगह देखूं तेरा नजारा सभी देवता सब नर नारी गावे स्तुति सभी तुम्हारी काल के मुंह से बचाने वाली दुष्ट संहारिणी नाम तुम्हारा रक्तदंता और अन्नपूर्णा कृपा करे तो कोई भी दुःख ना ना कोई चिंता रहे ना बीमारी ना कोई गम ना संकट भारी उस पर कभी कष्ट ना आवे महाकाली मां जिसे बचावे काल के मुंह से बचाने वाली दुष्ट संहारिणी नाम तुम्हारा तू भी ‘भक्त’ प्रेम से कह कालरात्रि मां तेरी जय काल के मुंह से बचाने वाली दुष्ट संहारिणी नाम तुम्हारा जानिए माँ कालरात्रि का स्वरूप और उनकी पावन कथा आज है चैत्र नवरात्रि का सातवां दिन, ऐसे करें मां कालरात्रि की पूजा