आप सभी को बता दें कि नवरात्रि में अष्टमी पूजन का विशेष महत्व माना जाता है और इस दिन मां दुर्गा के महागौरी रूप का पूजन किया जाता है. ऐसे में सुंदर, अति गौर वर्ण होने के कारण इन्हें महागौरी कहा जाता है और महागौरी की आराधना से असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं, समस्त पापों का नाश होता है, सुख-सौभाग्य की प्राप्‍ति होती है और हर मनोकामना पूर्ण होती है मंत्र- श्वेत वृषे समारूढ़ा श्वेताम्बर धरा शुचि:. महागौरी शुभं दद्यान्महादेव प्रमोददा॥ दुर्गाष्टमी महागौरी की पूजा विधि : कहा जाता है नवरात्रि के आठवें दिन, शक्ति स्वरूपा महागौरी का दिन होता है और इस दिन कन्या पूजन और उन्हें प्रेमपूर्वक भोजन कराने का अत्यंत महत्व है. कहते हैं सौभाग्य प्राप्‍ति और सुहाग की मंगलकामना लेकर मां को चुनरी भेंट करने का भी इस दिन विशेष महत्व है और इसी के साथ मां की आराधना हेतु सर्वप्रथम देवी महागौरी का ध्यान करें और उसके बाद हाथ जोड़कर इस मंत्र का उच्चारण करें - “सिद्धगन्धर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि. सेव्यामाना सदा भूयात सिद्धिदा सिद्धिदायिनी॥” कहते हैं इस मंत्र के उच्चारण के पश्चात महागौरी देवी के विशेष मंत्रों का जाप करें और मां का ध्यान कर उनसे सुख, सौभाग्य हेतु प्रार्थना करें. मां दुर्गा को भोजन बनाने चला था शेर लेकिन बन गया सवारी अगर अष्टमी, नवमी तिथि को लेकर है असमंजस तो पढ़ें यह खबर आज इस मंत्र, कवच और आरती से करें मां कालरात्रि को खुश