हर साल पतित पावनी मां नर्मदा जी की जयंती (narmada jayanti 2022) माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाई जाती है। आप सभी को बता दें कि भगवान शिव जी के पसीने से मेकल पर्वत पर उत्पन्न होने वाली माता नर्मदा नदी (Maa Narmada) ही एक मात्र ऐसी नदी हैं जो कल-कल की आवाज करते हुए बहती है। वहीं इस बार हिन्दू कैलेंडर के अनुसार नर्मदा जयंती 7 फरवरी, सोमवार को मनाई जाने वाली है। तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं मां नर्मदा जयंती की आरती। कहा जाता है इस आरती को पढ़ने से माँ नर्मदा खुश होती हैं और मनचाहा वरदान देती हैं। मां नर्मदा जी की आरती-Maa Narmada Arti ॐ जय जगदानन्दी, मैया जय आनंद कन्दी। ब्रह्मा हरिहर शंकर, रेवा शिव हरिशंकर रुद्रौ पालन्ती। ॐ जय जगदानन्दी (1) देवी नारद सारद तुम वरदायक, अभिनव पदण्डी। सुर नर मुनि जन सेवत, सुर नर मुनि।।। शारद पदवाचन्ती। ॐ जय जगदानन्दी (2) देवी धूमक वाहन राजत, वीणा वाद्यन्ती। झुमकत-झुमकत-झुमकत, झननन झमकत रमती राजन्ती। ॐ जय जगदानन्दी (3) देवी बाजत ताल मृदंगा, सुर मण्डल रमती। तोड़ीतान-तोड़ीतान-तोड़ीतान, तुरड़ड़ रमती सुरवन्ती। ॐ जय जगदानन्दी (4) देवी सकल भुवन पर आप विराजत, निशदिन आनन्दी। गावत गंगा शंकर, सेवत रेवा शंकर तुम भट मेटन्ती। ॐ जय जगदानन्दी (5) मैयाजी को कंचन थार विराजत, अगर कपूर बाती। अमर कंठ में विराजत घाटन घाट बिराजत कोटि रतन ज्योति। ॐ जय जगदानन्दी (6) मैयाजी की आरती निशदिन पढ़ गा‍वरि, हो रेवा जुग-जुग नरगावे भजत शिवानन्द स्वामी जपत हरिनंद स्वामी मनवांछित पावे। ॐ जय जगदानन्दी (7) अमावस्या के दिन जरूर पढ़े या सुने यह कथा मासिक शिवरात्रि के दिन जरूर पढ़े-सुने यह कथा आज है रवि प्रदोष व्रत, जानिए कैसे हुई थी इसकी शुरुआत