भारत ने लोगों को कोरोना वायरस से बचाने के लिए कोरोना के खिलाफ दो टीके विकसित किए हैं। राष्ट्र अन्य देशों को भी टीके लगा रहा है। पड़ोसी देशों को वैक्सीन देने के बाद भारत ने गुरुवार को टीकों का पहला बैच अबिदजान, कोटे डी आइवर को भेजा। 'मेड इन इंडिया' टीकों की पहली खेप मुंबई, महाराष्ट्र से अबिदजान, कोटे डी आइवर को भेजी गई थी। भारत कोरोना महामारी के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में सबसे आगे रहा है और 'वैक्सीन मैत्री' पहलों के तहत दुनिया को टीके उपलब्ध करा रहा है। भारतीय ने दुनिया भर में पच्चीस से अधिक राष्ट्रों को वैक्सीन की आपूर्ति की है। यह आने वाले दिनों में 49 और देशों के लिए टीका सुप्पी होगा, यूरोप, लैटिन अमेरिका और कैरेबियन से अफ्रीका, दक्षिण पूर्व एशिया और प्रशांत द्वीप समूह को लेकर है। इस बीच, भारत ने स्वास्थ्य देखभाल और अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं के लिए 16 जनवरी को दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू किया। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक 11 लाख से ज्यादा लोगों को कोरोना टीकों की दो डोज दिलाई जा चुकी है। संचयी टीकाकरण कवरेज 1.14 करोड़ प्राप्तकर्ताओं को पार कर गया है। कोरोना महामारी के खिलाफ टीकाकरण का भारत का तीसरा चरण 1 मार्च से शुरू होगा। इसमें 60 से ऊपर के लोगों और 45 साल से अधिक उम्र के लोगों को कॉमोरबिडिटीज के साथ शामिल किया जाएगा। सरकारी अस्पतालों में जहां लोगों को निशुल्क टीका लगाया जाएगा, वहीं निजी अस्पतालों में शॉट लेने वालों को भुगतान करना होगा। फ्रांस ने उत्तरी क्षेत्रों में की आंशिक लॉकडाउन की घोषणा रूस के स्पुतनिक वी वैक्सीन का पहला बैच पहुंचा निकारागुआ सोने की खान में भूस्खलन से हुई 5 लोगों की मौत, 70 लोग लापता