दुनिया में बजेगा Made In India हथियारों का डंका, अब भारत में बनेगी ये अत्याधुनिक राइफल

नई दिल्ली: भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मोदी सरकार लगातार काम कर रही है। हिंदुस्तान में उद्योगों को बढ़ावा मिले और रोजगार के नव अवसर उत्पन्न हों, इसके लिए केंद्र सरकार लगातार मैन्यूफैक्चर सेक्टर को मजबूत करने पर फोकस कर रही है। इसमें रक्षा उत्पाद भी शामिल हैं, ताकि रक्षा क्षेत्र में आयात पर निर्भरता कम की जा सके। इसके लिए देश में डिफेंस कॉरिडोर जैसी योजना भी तैयार की गई है। अब खबर सामने आ रही है कि स्वीडन की जानी मानी Carl-Gustaf Rifle भी भारत में ही बनेंगी।

स्वीडन की रक्षा कंपनी Saab ने भारत में कार्ल-गुस्ताफ राइफल की फैक्टरी लगाने का प्लान बनाया है। इससे भारतीय सशस्त्र बलों के लिए मल्टी-रोल हथियार प्रणाली के उत्पादन में सहायता मिलेगी। स्वीडिश कंपनी की भारतीय इकाई साब इंडिया टेक्नोलॉजीज इस फैक्टरी को ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत स्थापित करेगी। यहां बनाया जाने वाला कार्ल-गुस्ताफ राइफल डिफेंस सिस्टम पूरी तरह से भारत में ही निर्मित होगा। इसे भारतीय सेना की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर तैयार किया जाएगा। यही नहीं SAAB इंडिया टेक्नोलॉजीज के प्रमुख और मैनेजिंग डायरेक्टर मैट्स पामबर्ग का कहना है कि इन राइफल के प्रोडक्शन के लिए कंपनी भारत में छोटे सप्लायर्स से भी साझेदारी करेगी।

Carl Gustaf M4 की खासियत:-

बता दें कि, कार्ल गुस्ताफ एम4 रिकॉयललेस राइफल (Carl Gustaf M4 Recoilless Rifle) वो हथियार है, जिसे कंधे पर रख कर दागा जाता है। अभी तक इसके चार वैरिएंट बन चुके हैं, पहले वेरिएंट M1 का निर्माण 1946 में हुआ था, जिसके बाद 1964 बनाया गया और 1986 में इसे और उन्नत कर M3 का निर्माण किया गया था। भारतीय सेनाओं के पास यह तीनों वैरिएंट पहले से ही मौजूद है और उनका उत्पादन भारत में ही होता है। अब इस हथियार का सबसे अपडेटेड वर्जन यानी Carl Gustaf M4 का उत्पादन भी भारत होने जा रहा है। यह वर्जन 2014 में लॉन्च किया गया है। इसे दुनिया के अत्याधुनिक और बेहद हल्के रॉकेट लॉन्चरों में गिना जाता है। इसका वजन मात्र 6.6 किलोग्राम है और लंबाई 37 इंच है। इसे चलाने में दो जवानों की जरुरत होती है, जिसमे एक जवान गनर का और दूसरा लोडर का काम करता है। यह वेपन एक मिनट में छह राउंड दाग सकता है।

कार्ल गुस्ताफ एम4 (Carl Gustaf M4) की सबसे खास बात तो ये है कि इस लॉन्चर में 10 अलग–अलग तरह के हथियार लग सकते हैं। सीधे शब्दों में कहा जाए तो एक ही वेपन सिस्टम (Carl Gustaf M4) से दुश्मन पर दस तरह के हथियारों से हमला किया जा सकता है। इस एक वेपन सिस्टम से एंटी पर्सनल HE और ADM, सपोर्ट वॉरहेड यानी Smoke, Illum, HEAT, एंटी ऑर्मर HEAT 551, 551C, 751 लॉन्च किए जा सकते हैं, साथ ही इससे मल्टी रोल एंटी स्ट्रक्चर वॉरहेड में ASM 509, MT 756, HEDP 502, 502 RS के जरिए भी दुश्मन पर हमला किया जा सकता है।

इस रॉकेट लॉन्चर (Carl Gustaf M4) से दागे जाने के बाद इसके गोले 918 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दुश्मन पर हमला करते हैं। मूविंग टारगेट पर इसकी सटीक रेंज 400 मीटर है, यदि दुश्मन का टैंक खड़ा है, तो यह 500 मीटर तक मार कर सकता है। वहीं, यदि इस वेपन सिस्टम में स्मोक और हाईएक्सप्लोसिव गोले का इस्तेमाल करते हैं, तो इसकी रेंज बढ़कर 1000 मीटर हो जाती है और यदि इससे रॉकेट बूस्टेड लेजर गाइडेड हथियार दागा जाता है, तो 2000 मीटर दूर तक गोला जाता है।

Carl Gustaf M4 की फैक्ट्री लगने से भारत को क्या फायदा :– 

भारत में (Carl Gustaf M4) की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगने से देश के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर खुलेंगे, साथ ही दुनिया में Make In India हथियारों का बाजार भी बढ़ेगा, जो भविष्य में हमें बड़ा लाभ देगा। साथ ही यदि अगर हथियार में यदि किसी प्रकार की तकनीकी खराबी आती है, या उसे अपग्रेड करने की आवश्यकता पड़ती है, तो हथियार को यहीं पर दुरुस्त कर दिया जाएगा, उसके लिए वेपन को स्वीडन भेजने की आवश्यकता नहीं होगी। साथ ही भारतीय सैनिकों को भी हिन्दुस्तान में ही तकनीकी रूप से उन्नत और अत्याधुनिक हथियार मुहैया हो जाएंगे। इन हथियारों से चीन पाक के खिलाफ नजदीकी लड़ाई में भारतीय जवानों को काफी फायदा होगा।

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