नई दिल्ली: भारत में इन दिनों हर तरफ कोरोना वैक्सीन की दूसरी लहर की मार है। ऐसे में अब तीसरी लहर आने के बारे में भी कहा जा रहा है। आने वाली खबरों के अनुसार यह दावा किया जा रहा है कि 'कोरोना की अगली लहर बच्चों को निशाना बना सकती है।' आप सभी को बता दें कि दुनिया में 12 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए कोरोना की वैक्सीन नहीं आई है और इस कारण उन्हें वैक्सीन नहीं लगाई जा रही है। केवल यही नहीं बल्कि भारत में 18 साल से कम उम्र के लोगों के लिए किसी भी वैक्सीन को हरी झंडी नहीं मिली है। इन सभी के बीच अब विश्व स्वास्थ्य संगठन की चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने अपने बयान में यह कहा है कि, ''कोराना की नेज़ल वैक्सीन बच्चों के लिए गेमचेंजर साबित हो सकती है। इस तरह की वैक्सीन नाक के ज़रिये दी जाती है। ये इंजेक्शन वाली वैक्सीन के मुकाबले ज्यादा असरदार है और इसे लेना भी आसान है।' एक मशहूर वेबसाइट से बातचीत में सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि, ''ज्यादा से ज्यादा स्कूल टीचर को वैक्सीन लगाने की जरूरत है। बच्चों को तभी स्कूल भेजना चाहिए जब कम्युनिटी ट्रांसमिशन का खतरा कम हो। भारत में बनी नेज़ल वैक्सीन बच्चों के लिए गेम चेंजर साबित हो सकती है। इसे बच्चों में लगाना आसान होगा। साथ ही ये रेस्पिरेटरी ट्रैक में इम्यूनिटी बढ़ाएगी।'' आप सभी को बता दें कि बीते शनिवार के दिन केंद्र सरकार ने कहा था कि, ''बच्चे संक्रमण से सुरक्षित नहीं हैं, लेकिन फिलहाल वायरस का असर बच्चों पर कम हो रहा है।'' अब अगर हम दुनिया और देश के आंकड़ों पर नजर डालें तो सिर्फ 3-4 फीसदी बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराने की नौबत आती है। वही नीति आयोग (स्वास्थ्य) के सदस्य वीके पॉल ने कहा, ''अगर बच्चे कोविड से प्रभावित होते हैं, तो या तो कोई लक्षण नहीं होंगे या कम से कम लक्षण होंगे। उन्हें आम तौर पर अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं होती है। लेकिन हमें 10-12 साल के बच्चों पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है।'' अच्छी खबर! कोरोना की दूसरी लहर पर भी प्रभावी है वैक्सीन, लेकिन सिर्फ एक डोज नहीं होगी काफी मणिपुर के उखरूल में महसूस किये गए भूकंप के झटके चक्रवाती तूफान 'Yaas' को लेकर प्रधानमंत्री मोदी आज करेंगे उच्च स्तरीय मीटिंग