भोपाल: मध्यप्रदेश चुनाव को लेकर आए कई एग्जिट भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर का अनुमान लगा रहे हैं। जानकारी के अनुसार बता दें कि अगर ये एग्जिट पोल सही साबित हुए तो दोनों ही पार्टियां कहीं न कहीं टिकट बंटवारे की प्रकिया को दोष देंगी। वहीं बता दें कि ऐसा इसलिए क्योंकि टिकट ना मिलने से नाराज दोनों ही पार्टी के बागी नेताओं ने 30 सीटों पर आधिकारिक उम्मीदवार के खिलाफ दूसरी पार्टी के टिकट पर या निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में ताल ठोकी। भाजपा नेता का सीएम शिवराज पर वार, बता दिया क्यों होगी इस बार हार ? इसके साथ ही बता दें कि दोनों ही पार्टियों ने बागियों को मनाने का प्रयास किया। कांग्रेस की ओर से जहां दिग्विजय सिंह तो भाजपा की ओर से खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इन नेताओं को मानने और उम्मीदवारी वापस कराने के लिए मोर्चा संभाला। वहीं बता दें कि पांच बार के सांसद और दो बार विधायक रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता रामकृष्ण कुसमरिया ने टिकट ना मिलने पर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में वित्त मंत्री जयंत मलैया के खिलाफ चुनाव लड़ा, वह भाजपा के वोट काट सकते हैं। कांग्रेस पूर्वोत्तर में एक मात्र गढ़ मिजोरम को बचाने में नहीं छोड़ेगी कोई कसर यहां बता दें कि इसी तरह कांग्रेस को भी झाबुआ में नुकसान हो सकता है जहां बागी जेवियर मेडा ने कांतिलाल भूरिया के बेटे जितेंद्र भूरिया के खिलाफ टिकट ना मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ा। साथ ही भिंड विधायक नरेंद्र सिंह का टिकट जब भाजपा ने काटा तो वह समाजवादी पार्टी में शामिल होकर चुनावी मैदान में उतर गए। इसी तरह 2013 में ग्वालियर ग्रामीण से कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने साहब सिंह गुर्जर ने बहुजन समाज पार्टी में शामिल होकर कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लड़ा। खबरें और भी मध्यप्रदेश चुनाव: मॉकपोल बन सकता है मतदान केंद्रों पर विवाद का कारण विपक्षी दलों ने भी शुरू की लोकसभा चुनावों की तैयारी, आज होगी बैठक तेलंगाना चुनाव: टीआरएस ने ठुकराया भाजपा का प्रस्ताव, कहा अपने दम पर जीतेंगे चुनाव