भोपाल: हमीदिया परिसर के कमला नेहरू अस्पताल (Kamla Nehru Hospital) में बीते सोमवार की रात अचानक आग लग गई। इस आग लगने की घटना से चार बच्चों की मौत हो गई है। वहीं अब तक आग लगने के बाद से अपने बच्चों के लिए वहां मौजूद परिजन तड़प रहे हैं। आपको बता दें कि अभी भी 36 बच्चे अस्पताल में हैं। ऐसे में उनके परिजन उनका हाल जानने के लिए अस्पताल में इधर-उधर भटक रहे हैं, लेकिन कोई भी सही जवाब उन्हें नहीं मिल रहा है। आप सभी को बता दें कि यहाँ आग लगने से पहले अपने दो बच्चों को दूध देकर वार्ड से निकले रमेश दांगी ने पूरी आपबीती सुनाई है। एक मशहूर वेबसाइट से बातचीत में राजगढ़ के रहने वाले रमेश दांगी ने बताया उनकी पत्नी ने तीन दिन पहले दो जुड़वा बच्चों को सुल्तानिया अस्पताल में जन्म दिया था। वहीं जन्म के बाद बच्चों को इलाज के लिए कमला नेहरू अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कहानी बताते हुए रमेश दांगी बिलख पड़े। उन्होंने कहा 'तीन दिन पहले ही उनका जन्म हुआ है। हमारी मिसेज ने उन्हें अभी दूध भी नहीं पिलाया है। हम बाहर से बच्चों को अस्पताल में दूध लाकर दे रहे हैं। ऑक्सिजन वाली वार्ड में आग लगी है।' आगे रमेश दांगी ने कहा, 'बच्चों के लिए वार्ड में हम दूध देकर करीब 10 मीटर आगे बढ़े थे। इतने ही में वहां इतना धुआं निकलने लगा कि कुछ दिख ही नहीं रहा था। मैं दौड़ा तो सिस्टरों ने मुझे अंदर नहीं जाने दिया, बाहर धकेल दिया गया। फिर भी मैंने कई कांच तोड़ दिए।' आगे उन्होंने बताया, 'मैंने धुआं निकालने के लिए करीब 25 कांच तोड़ दिए। ताकि बच्चों की जान बच सके। हमारी कोशिश थी कि छोरा-छोरी की जान बच जाए। अस्पताल के लोगों ने पब्लिक को अंदर नहीं जाने दिया। मैं अपने बच्चों को देख नहीं पाया हूं। मेरी बीवी अभी सुल्तानिया अस्पताल में भर्ती है।' अंत में रमेश दांगी छाती पीटकर रोने लगे। परिजनों का यह हाल देख कई लोग हैरान है और अपने बच्चों को खोने वाले परिजन तो इस वक्त होश में ही नहीं है। भोपाल: अस्पताल में आग लगने से ज़िंदा जले 4 बच्चे, मिलेगा 4-4 लाख रुपए का मुआवजा बड़ी खबर: कैदी से बड़े लोगों के फ़ोन हैक करवाते थे अधिकारी, कमाए करोड़ों भोपाल: अस्पताल में लगी भीषण आग, 4 बच्चों की मौत