भोपाल: लॉकडाउन के कारण बच्चों के स्कूल अभी बंद हैं. इस बीच मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह सरकार ने सात जुलाई से अपना घर, अपना विद्यालय योजना के तहत बच्चों को उनके घर में ही पढ़ाने का आदेश दिया था. अब सरकारी आदेश का कितना पालन होता है, ये बात जगजाहिर है. किन्तु इन सब बातों से इतर मंदसौर में एक दिव्यांग शिक्षक ऐसे भी हैं, जो पूरी ईमानदारी और निष्ठा से बच्चों को रोज़ाना विद्या का दान कर रहे हैं. रामेश्वर नागरिया नाम के दिव्यांग शिक्षक बच्चों के लिए किसी नायक से कम नहीं हैं. वह अपनी स्कूटी से रोज़ सुबह शहर के विभिन्न इलाकों में वक़्त पर पहुंच जाते हैं और जहां जगह मिलती है, वहीं बच्चों को पढ़ाने लग जाते हैं. वे सभी बच्चों को होमवर्क देते हैं और फिर अगले दिन आकर चेक करते हैं. इनसे पढ़ने वाले बच्चों में ज्यादातर गरीब या मजदूर वर्ग के बच्चे हैं. बच्चों के अभिभावक कहते हैं कि टीचर के पैरों में समस्या होने के बावजूद भी ईमानदारी से बच्चों को घर जाकर पढ़ा रहे हैं. वहीं दिव्यांग शिक्षक की खबर जब सीएम शिवराज सिंह को लगी तो उन्होंने ट्वीट करते हुए शिक्षक की प्रशंसा की. जिले के चंद्रपुरा प्राइमरी स्कूल में काम करने वाले दिव्यांग टीचर रामेश्वर चंदरपूरा, खिलचिपुरा, जगतपुरा के बच्चों को पढ़ाते हैं. इनमें से ज्यादातर बच्चे गरीब मजदूरों के हैं. जहां एक तरफ दिव्यांग शिक्षक रामेश्वर में बच्चों को पढ़ाने की असीमित इच्छाशक्ति है तो वहीं बच्चे भी अपने टीचर से पढ़ने के लिए प्रतीक्षा करते हैं. शिक्षक और छात्र के बीच कोरोना की दीवार भी नगण्य हो गई है. बच्चों को भी स्कूल न खुलने की कमी नहीं खल रही है. ये गरीब बच्चे ऑनलाइन पढ़ने में सक्षम नहीं हैं, किन्तु मास्टर जी इन्हे एक लाइन में बैठाकर जरूर पढ़ा रहे हैं. ब्रिटेन में हुआ पाक के ड्रग्स गिरोह का भंडाफोड़, जब्त की कई अरबों की सम्पति ईरान में परमाणु स्थलों का हो पाएगा निरीक्षण, मिली अनुमति अफगान में कोरोना के बीच बाढ़ ने मचाई तबाही