धरमपुरी: नर्मदा कि दो धाराओं के बीच (टापू में स्थित) पांच हजार वर्ष प्राचीन शिव मंदिर में जाने का अस्थाई पुल डैम से पानी छोड़ने की वजह से टूट गया है। जिसके चलते महाशिवरात्रि पर श्रद्धालु मंदिर नहीं जा पा रहे हैं। प्रति वर्ष इस प्राचीन मंदिर में एक लाख से अधिक श्रद्धालु बाबा भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए आते हैं। अब पुल टूटने के कारण लोगों का गुस्सा तहसीलदार पर फूटा है। लोगों ने आरोप लगाते हुए कहा है कि अस्थाई पुल निर्माण में NVDA और तहसीलदार मनमानी न करते तो ये हालात न होते। वहां हालात इतने ख़राब हो गए हैं कि कलेक्टर-एसपी भी मौके पर पहुंच गए हैं और लोगों को समझाने की कोशिश कर रहे हैं। बता दें कि नर्मदा की दो धाराओं के बीच तीन किलोमीटर लंबा और 600 मीटर चौड़ा द्वीप स्थित है, जिसे रेवा गर्भ स्थान कहा जाता है। रेवा गर्भ स्थान, अर्थात नर्मदा के उद्गम स्थल अमरकंटक से लगाकर खंभात की खाड़ी में मिलने तक औसतन एक नारी के कटि/ गर्भ की जगह माना गया है, जिसका उल्लेख पुराणों में भी मिलता है। टापू पर तीस हजार वर्ग फीट पर श्री बिल्वामृतेश्वर महादेव का भव्य मंदिर स्थित है। महाशिवरात्रि समेत अन्य पर्वों पर यहां भारी संख्या में श्रद्धालु पहुँचते हैं। Mahashivratri 2020 : भगवान शिव को क्यों चढ़ाई जाती है भांग, कहा से आयी यह परम्परा लगातार तीन दिन तक बैंक रहेंगे बंद, समय पर पूरे कर लें अपने काम देश के लिए बनेगी एक नीति, औद्योगिक विकास में नहीं आएगी राजनीति