भोपाल: मध्य प्रदेश में 11 दिसंबर को होने वाली वोटिंग के दौरान मतगणना केंद्रों में केंद्र और राज्य सरकार के मंत्रियों को प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। जानकारी के अनुसार बता दें कि मंत्री सिर्फ उस मतगणना केंद्र में प्रवेश कर सकेंगे जिस क्षेत्र से वे विधानसभा चुनाव के उम्मीदवार हैं। वहीं बता दें कि मुख्य चुनाव अधिकारी कार्यालय से दी गई जानकारी के अनुसार चुनाव आयोग के निर्देशानुसार राज्य और केंद्र सरकार के मंत्रियों या राज्य मंत्रियों को मतगणना केंद्रों में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। तेलंगाना चुनाव: राज्य से अब तक जब्त किए जा चुके हैं 100 करोड़ रूपए यहां बता दें कि मंत्री केवल उस मतगणना केंद्र में प्रवेश पा सकेंगे जहां से वे स्वयं उम्मीदवार हों, वहीं बता दें कि सीईओ कार्यालय के अनुसार मंत्री के उम्मीदवार होने के बावजूद उनके साथ सुरक्षा के लिए तैनात सशस्त्र जवानों को मतगणना केंद्र के भीतर प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। इसके अलावा निर्वाचन आयोग ने अपने निर्देशों में यह भी कहा है कि केंद्र और राज्य शासन के मंत्री अथवा राज्य मंत्री के साथ सशस्त्र सुरक्षा जवान होते हैं इसलिए उनको किसी उम्मीदवार का चुनाव अभिकर्ता या गणना अभिकर्ता भी नियुक्त नहीं किया जा सकेगा। जीसेट-11 बदलेगा इंटरनेट की दुनिया आपको ज्ञात हो कि राज्य में 28 नवंबर को मतदान हुआ है और मतगणना 11 दिसंबर को होने वाली है। इसके साथ ही मतगणना से पहले ईवीएम के देर से पहुंचने और कुछ स्थानों पर बिजली गुल होने की शिकायतों ने चुनाव आयोग के सामने सवाल खड़े कर दिए हैं। यहां बता दें कि मध्यप्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी कांता राव ने कह दिया है कि चुनाव से जुड़े सभी तरह के मामलों के लिए जिले के कलेक्टर और एसपी जिम्मेदवार होंगे, उन्होंने दावा किया कि ईवीएम में किसी तरह की गड़बड़ी संभव नहीं है, स्ट्रांगरूम की सुरक्षा पुख्ता है। खबरें और भी ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की बैठक आज मेट्रो समेत कई मुद्दे शामिल प्रयागराज को पीएम मोदी देंगे 5000 करोड़ की परियोजनाओं का तोहफा बुलंदशहर मामला: शहीद इंस्पेक्टर सुबोध के परिजनों ने कहा सीएम योगी के आने पर ही होगा अंतिम संस्कार