भोपाल: मध्य प्रदेश में आरक्षण का मुद्दा बेअसर सिद्ध हुआ, जनता ने इस मुद्दे पर की गई राजनीति को नकार दिया है. इस मुद्दे को आधार बनाकर चुनाव मैदान में उतरी सपाक्स पार्टी कुछ ख़ास नहीं कर सकी. पार्टी ने 109 विधानसभा सीटों से उम्मीदवार उतारे थे, ये प्रत्याशी जीतना तो दूर वोट भी नहीं काट सके. इनमें से अधिकांश प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई. पार्टी को प्रदेश में महज (0.4 प्रतिशत) वोट मिले हैं. जम्मू-कश्मीर: पंचायत चुनाव के अंतिम चरण के साथ मजबूत हुआ लोकतंत्र आरक्षण को लेकर प्रदेश में सरकार के खिलाफ हवा देखकर दो अक्टूबर को अस्तित्व में आई सपाक्स पार्टी ने पूरे दमखम से चुनाव मैदान में उम्मीदवार उतारे थे. पार्टी का दावा था कि वह सत्ता बनाने में निर्णायक भूमिका में रहने वाली है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. पार्टी के अधिकतर प्रत्याशी अपनी जमानत भी नहीं बचा सके हैं. सबसे अधिक (9100) वोट करैरा (शिवपुरी) से मैदान में उतरे पार्टी के उम्मीदवार रमेश प्रसाद खटीक ने हासिल किए, जबकि अधिकांश प्रत्याशियों के वोट डेढ़ हजार भी नहीं पहुँच पाए. मिजोरम विधानसभा चुनाव परिणाम: सत्ता से बेदखल हुई कांग्रेस एमएनएफ बनाएगी सरकार बैतूल जिला पंचायत अध्यक्ष रहीं लता राजू महस्की भी कोई चमत्कार नहीं दिखा सकीं, वे भाजपा से टिकट की मांग कर रही थीं, लेकिन पार्टी तैयार नहीं हुई, तो उन्होंने सपाक्स का दामन थाम लिया. बैतूल विधानसभा सीट से मैदान में उतरीं महस्की महज साढ़े तीन हजार वोट हासिल कर पाईं. हालांकि, पहली बार चुनाव मैदान में उतरी सपाक्स का प्रदर्शन बीएएसडी, बीएससीपी, एसएचएस से बेहतर रहा है, ये पार्टियां क्रमश: 0.2-0.2 फीसदी वोट ले पाई हैं, जबकि सपाक्स को 0.4 फीसदी वोट मिले. खबरें और भी:- तेलंगाना चुनाव परिणाम: भाजपा और कांग्रेस मिलकर भी सीएम बनने से नहीं रोक पाए राजस्थान चुनाव परिणाम लाइव: राज्य की बड़ी सीटों पर नहीं हो सका कोई उलटफेर विधानसभा चुनाव परिणाम लाइव: 3-0 से जीत की तरफ बढ़ रही कांग्रेस