इंदौर: चुनाव के दौरान वोट के लिए शराब बांटना तो आम है, लेकिन इसके लिए नेताओं द्वारा जो तरीके निकाले जा रहे हैं, वे लोगों के बीच कौतुहल का विषय बने हुए हैं. अभी तक या तो कार्यकर्ता बस्तियों में जाकर शराब बांटा करते थे या फिर पर्ची से शराब बनती थी. इस विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों ने नए तरीके खोज निकाले हैं. इस चुनाव में इसके लिए 10 रुपए के नोट का इस्तेमाल हो रहा है, लोगों को शराब सीधे देने के बजाय 10 रुपए का नोट दिया जा रहा है, यह नोट एक विशेष सीरीज का होता है जिसका नंबर शराब के ठेके पर पहले से दर्ज रहता है. मध्यप्रदेश चुनाव 2018: मां बगलामुखी के दरबार में शत्रुनाश के मंत्रों से नेता करा रहे हवन जब व्यक्ति उस नोट को ठेके पर देता है तो इसके बदले उसे शराब दे देता है, इससे सीधे तौर पर प्रत्याशी प्रशासन की नजरों में आने से भी बच जाता है. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों और बस्तियों में अब भी पर्ची सिस्टम चल रहा है. यहां कार्यकर्ता लोगों को वोट देने के लिए शराब की पर्चियां दे रहे हैं, पर्ची में एक खास कोड लिखा रहता है. कोड में फिल्मी नामों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है, इस पर्ची को ठेके पर दिखाकर बदले में शराब की बोतल ली जा सकती है. पर्चियां भी दो तरह की चल रही हैं, एक पर्ची पूरे चुनाव तक वैध है तो दूसरी दैनिक पर्ची है, जो रोज़ाना के हिसाब से बांटी जा रही है. मध्य प्रदेशः वोटर्स से की जा रही नोटा दबाने की अपील एक राजनीतिक के कार्यकर्ता ने बताया कि चुनाव होने के बाद शराब ठेकेदार ज्यादा पर्चियां दिखा देता है, पर्ची सिस्टम में हिसाब लगाने में भी गड़बड़ी होती है. 10 रुपए के नोट सीरीज के होते हैं इसलिए इसमें गड़बड़ी की सम्भावना नहीं होती, वहीं पर्चियां पकड़े जाने का भी डर रह्ता है, लेकिन 10 रुपए के नोट में ये समस्या भी नहीं रहती, इसलिए ये तरीका अपनाया गया है. खबरें और भी:- मध्यप्रदेश चुनाव: एक जैसे नाम के दो प्रत्याशी होने पर उलझन में वोटर मध्यप्रदेश चुनाव: भाजपा का फॉर्मूला, कार्यकर्ता करें पहले खुद मतदान, फिर ये काम मध्यप्रदेश चुनाव: कमलनाथ ने किया बड़ा वादा प्रदेश में पुलिसकर्मियों को देंगे वीक ऑफ