भोपाल : मध्य प्रदेश में 15 साल के वनवास के बाद सत्ता में लौटी कांग्रेस अंदरूनी खींचतान से हलकान है। वैसे पार्टी में शुरू से ही खेमेबाजी है लेकिन यह अब सतह पड़ आ गयी है। पार्टी के बड़े नेताओं की ओर से बयानबाजी इसका प्रमाण है। समाम कोशिशों के बावजूद भी कलह खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा। वन मंत्री उमंग सिंघार ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ तीखे तेवर दिखाने के बाद भले ही चौथे दिन चुप्पी साध ली, लेकिन बुधवार देर रात उन्होंने वसीम बरेलवी के शेर 'उसूलों पर जहां आंच आए टकराना जरूरी है, जो गर जिंदा हो तो फिर जिंदा नजर आना जरूरी है' ट्वीट कर अपने इरादों को फिर जाहिर करने का प्रयास किया। कमलनाथ सरकार के मंत्रियों को दिग्विजय सिंह द्वारा पत्र भेजकर समय मांगने के जिस मुद्दे पर कांग्रेस की सियासत गरमाई थी, उसके लिए अब वन मंत्री उमंग सिंघार ने सिंह को समय दे दिया है। शुक्रवार को सुबह दस से दोपहर 12 बजे तक के लिए समय आरक्षित किया गया है। उधर सपा ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सपा विधायक राजेश शुक्ला ने कई मंत्रियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि 12-13 मंत्री बिना पैसे लिए काम नहीं करते। विधायकों की भी नहीं सुनते। उन्होंने मंत्री कमलेश्वर पटेल, बाला बच्चन और तुलसी सिलावट का नाम भी लिया और कहा कि प्रदेश में जनहित के काम भी नहीं हो रहे। उधर उज्जैन जिले के तराना से विधायक महेश परमार ने पार्टी की अंतरिम राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर गुहार लगाई है कि पार्टी लाइन से हटकर बयानबाजी करने वाले मंत्रियों, विधायकों और नेताओं पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए। हरियाणा में कांग्रेस को लगा बड़ा झटका, इस नेता ने थामा बीजेपी का दामन 2 दिवसीय दौरे पर जैसलमेर जाएंगे सीएम गहलोत, बाबा रामदेव के मेले में करेंगे शिरकत चंद्रयान-2: बसपा सुप्रीमो मायावती ने इसरो के काम को सराहा, कहा- वैज्ञानिकों पर गर्व है ...