भोपाल: मध्य प्रदेश के गवर्नर लालजी टंडन ने प्रदेश की कमलनाथ सरकार को नगरीय निकाय चुनाव से पहले तगड़ा झटका दिया है. दरअसल, गवर्नर लालजी टंडन ने मेयर एवं नगर पालिका अध्यक्षों का चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से करने वाले राज्य सरकार के अध्याधेश को स्वीकृति नहीं दी है. हालांकि, गवर्नर ने कमलनाथ सरकार के एक अन्य अध्यादेश को स्वीकृत कर दिया है. ये अध्यादेश पार्षद उम्मीदवार के हलफनामे में गलत जानकारी से संबंधित है. इसमें विधानसभा चुनाव की तरह उन्हें 6 महीने की कैद और 25 हजार रुपए का जुर्माना का प्रावधान है. दरअसल, मेयर एवं नगर पालिका अध्यक्षों का चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से करने संबंधी प्रस्ताव को गत माह मध्य प्रदेश कैबिनेट ने स्वीकृति दी थी. इस प्रस्ताव के अंतर्गत प्रदेश में मेयर और नगर पंचायत अध्यक्षों का निर्वाचन पार्षदों द्वारा किया जाना है. वहीं, भाजपा द्वारा इस प्रक्रिया का विरोध किया जा रहा है. भाजपा ने निकाय चुनाव की अप्रत्यक्ष प्रक्रिया को स्वीकृति नहीं देने के लिए गवर्नर को ज्ञापन भी सौंपा था. वहीं, गवर्नर लालजी टंडन द्वारा के इस अध्यादेश पर रोक लगाने के बाद से ही मध्‍य प्रदेश में राजनीति तेज हो गई है. महापौर के अप्रत्यक्ष चुनाव के अध्यादेश रोक के बाद कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने आ गई है. आपको बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार ने कैबिनेट से स्वीकृति के बाद दो अध्यादेश गवर्नर को भेजे थे. इनमें से एक पार्षद प्रत्याशी के हलफनामे से संबंधित अध्यादेश को राज्यपाल ने मंजूरी दे दी. किन्तु, मेयर के अप्रत्यक्ष चुनाव से संबंधित अध्यादेश को मंजूरी नहीं दी है. भूकंप के झटकों से फिर दहला PoK, एक की मौत 10 घायल मुंबई: आरे कॉलोनी में पेड़ काटने को लेकर सियासी घमासान जारी, हिरासत में लिए गए प्रकाश आंबेडकर बिहार: बाढ़ से बेहाल दानापुर में पहुंचे पप्पू यादव, सरकार पर जमकर साधा निशाना