इंदौर: भारत के सबसे स्वच्छ शहर घोषित हुए इंदौर के खाते में एक और सफलता आई है। राष्ट्रीय जल पुरस्कार इंदौर को प्राप्त हुआ है। वेस्ट जोन में इंदौर प्रथम नंबर पर आया है। जल संरक्षण के लिए इंदौर द्वारा किए गए कार्यों के चलते यह ख़िताब मिला है। इस कामयाबी पर मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने ट्वीट कर इंदौर को शुभकामनाएं दी है। शुक्रवार को केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2020 का ऐलान किया, जिसमें वेस्ट जोन में इंदौर प्रथम स्थान पर आया है। जहां तालाब किनारे से अतिक्रमण हटाने, गहरीकरण, सीवेज का शुद्धिकरण, वाटर हार्वेस्टिंग इलाके में सर्वश्रेष्ठ कार्य करना पाया गया है। सर्वश्रेष्ठ प्रदेश श्रेणी में यूपी को पहला पुरस्कार मिला। जबकि राजस्थान तथा तमिलनाडु को दूसरा तथा तीसरा स्थान आया है। कार्यक्रम में जल संसाधन प्रबंधन कार्य को लेकर 11 तमाम श्रेणियों में पुरस्कार दिए गए। अफसरों के अनुसार, प्रथम राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2018 में जल शक्ति मंत्रालय ने रखा था। राष्ट्रीय जल पुरस्कार के लिए अफसरों ने कबीट खेड़ी एसटीपी प्लांट का मुआयना किया था। यहां सीवेज का पानी नाले में रोका गया। इसके लिए पूरे जिले में नाला टेपिंग की गई। Koo App इंदौर का नया कीर्तिमान... सभी इंदौरवासियों को बहुत-बहुत बधाई। #Indore View attached media content - Dr.Narottam Mishra (@drnarottammisra) 8 Jan 2022 वही सीवेज के पानी को STP से ट्रीटमेंट किया गया। रोजाना 315 एमएलडी सीवेज जल शोधन करने की क्षमता है। तालाबों के अतिक्रमण को हटाने में भी जिले ने दावेदारी की थी। अधिकारीयों ने कनाड़िया स्थित तालाब का दौरा किया था। इमारतों की छतों पर बारिश का जल संचयन कार्यों को सराहा गया। वाटर हार्वेस्टिंग से भूजल स्तर को रिचार्ज करने में बहुत सहायता प्राप्त हुई। इसके चलते अलग-अलग इलाकों में जल स्तर बढ़ा है। अफसरों ने कई निजी मकानों में बनाए वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का भी मुआयना किया गया था। गंभीर नदी के प्रवाह पर जल वृद्धि कार्य को देखने भी अफसर पहुंचे थे। भगोरा गांव में चेक डैम, फार्म तालाब, रिचार्ज शाफ्ट, नाला ट्रेंचिंग आदि जैसे तमाम कार्यों का मुआयना किया। इसके अतिरिक्त गंभीर एवं चोरल नदी किनारों से भी अतिक्रमण हटाया गया। केरल में भाजपा ने सरकारी अस्पतालों के रवैये पर सवाल उठाया चंडीगढ़ में बड़ा उलटफेर, शहर की महापौर बनी भाजपा की सरबजीत कौर, धरने पर AAP पार्षद सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय, जिन्हे पंजाब का DGP बनाने के लिए सिद्धू ने चन्नी सरकार तक को झुका दिया