भोपाल: आर्थिक तंगी का सामना कर रही मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार अब राज्य के 51 सरकारी कॉलेजों को बंद करने जा रहा है. वहीं, जिन कॉलेजों में 80 फिसदी विद्यार्थी हैं, उन्हें दूसरे कॉलेजों में मर्ज कर दिया जाएगा. सरकार ऐसा इसलिए कर रही है, ताकि खर्चों में कटौती की जा सके. आंकड़ों के अनुसार, राज्य में मौजूदा समय में 500 से अधिक शासकीय कॉलेज संचालित किए जा रहे हैं. जिनमें हजारों की संख्या में छात्र पढ़ाई करते हैं. राज्य में 185 कॉलेज ऐसे हैं, जिनमें 80 फीसद से अधिक छात्रों की उपस्थिति है. जबकि 51 कॉलेज ऐसे हैं, जिनमें इससे भी कम छात्र हैं, इसलिए सरकार इन कॉलेजों को 80 फीसद उपस्थिति वाले कॉलेजों में मर्ज करेगी. शिवराज सरकार के इस फैसले से मध्य प्रदेश में सियासी पारा गरमा गया है. राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कांग्रेस प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता ने निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा व्यवस्था मजबूत करने की जगह कॉलेजों को बंद कर निजीकरण की तैयारी कर रही है. एक ओर सरकार प्रत्येक 3 किलोमीटर पर कॉलेज खोलना चाहती है, वहीं दूसरी ओर 51 स्कूल बंद कर रही है. कांग्रेस प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इसी तरह कॉलेज बंद होते रहे तो शिक्षा का यूनिवर्सलाइजेशन कैसे होगा? दुष्कर्म के आरोप में बाहुबली विधायक विजय मिश्रा का पोता गिरफ्तार TMC में शामिल हुईं भाजपा सांसद सौमित्र की पत्नी, पति भेजेंगे तलाक का नोटिस 26 और 27 दिसंबर को JDU की बड़ी बैठक, इन अहम मुद्दों पर होगी चर्चा