मध्य प्रदेश के इस जिले में भिक्षावृत्ति अपराध घोषित, अगर भीख मांगी तो होगी कार्यवाही

इंदौर: मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले के नगर निगम क्षेत्र में भिक्षावृत्ति करना अब अपराध की श्रेणी में डाल दिया गया है. इतना ही नहीं इन पर कार्रवाई करने की तैयारी भी नगर निगम कर रहा है. नगर निगम कमिश्नर ने आदेश जारी करते हुए नगर निगम क्षेत्र में भिक्षा मांगने पर पाबन्दी लगा दी है. ऐसे में सिंगरौली नगर निगम द्वारा जारी आदेश को लेकर स्थानीय भिखारियों में हड़कंप मच गया है. सिंगरौली ने भिक्षावृत्ति पर ऐसे वक़्त में रोक लगाई है जब हाई कोर्ट ने इसे अपराध मानने से मना कर दिया है. 

उल्लेखनीय है कि हाल ही में दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में भीख मांगने को अपराध ना मानते हुए उसे गरीब लोगों की सहायता लेने का जरिया बताया था. इतना ही नहीं सरकार के लोगों को भोजन और आवश्यकता पूरी नहीं करने पर लताड़ भी लगाई थी, लेकिन इसके विपरीत सिंगरौली नगर निगम आयुक्त ने एक आदेश जारी कर पूरे नगर निगम क्षेत्र में भिक्षावृत्ति पर रोक लगाने का फरमान सुनाया है.

इस फरमान में स्पष्ट तौर पर नगर पालिका निगम की धारा 359, 360, 361, का पालन करना बताया गया है. जिसमें उन्होंने आदेश दिया है कि कोई भी स्त्री, पुरुष या बच्चे भिक्षावृत्ति में लिप्त पाए जाते हैं तो उनपर कानूनी कार्यवाही होगी. इसके उलट सामाजिक कार्यकर्ताओं का मानना है कि यह उन लोगों के साथ नाइंसाफी हैं जो बिल्कुल निराश्रित हैं और उनको कहीं से सहायता नहीं मिल रही है. ऐसे में वह कम से कम भिक्षावृत्ति करके ही वह अपना गुजारा कर रहे थे, किन्तु इस फैसले के बाद वह अपना गुजारा कैसे करेंगे इसके लिए भी विचार करना पड़ेगा.

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