भोपाल. देश के पाँच राज्यों में चुनाव बेहद तेजी से नजदीक आ रहे है और इनमे से एक राज्य मध्‍य प्रदेश भी है. इस राज्य में आगामी 28 नवंबर के दिन मतदान होने है. इस चुनाव के मौसम में आज हम आपको एक ऐसे नेता के बारे में बताने जा रहे है जिसके नाम मध्यप्रदेश में अब तक सबसे ज्यादा बार लगातार विधायक चुने जाने का रिकॉर्ड है. यह नेता कोई और नहीं बल्कि मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता बाबूलाल गौर हैं. जी हाँ, 1974 में मध्यप्रदेश की गोविंदपुरा सीट से पहली बार विधायक चुने जाने के बाद से इस सीट पर अब तक उन्ही का राज है. इस दौरान वे एक या दो बार नहीं बल्कि पुरे 10 बार लगातार विधायक चुने गए है. आइये जानते है उनकी जिंदगी से जुडी कुछ अहम बाते. मध्यप्रदेश चुनाव 2018 : कांग्रेस ने तय किये 'इंदौरी' उम्मीदवारों के नाम... कपड़ा मिल से शुरू हुआ था सफर बाबूलाल गौर का जन्म उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में 2 जून 1930 को हुआ था. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत भोपाल की एक कपड़ा मिल में एक मजदूर के रूप में की थी. उस वक्त उनकी कमाई मात्र एक रुपए रोजाना थी. बाबूलाल गौर का असली नाम बाबूराम गौर यादव है, लेकिन उन्होंने राजनीति में आने से पहले ही अपने नाम में यादव शब्द का इस्तेमाल करना बंद कर दिया था. गौर का राजनीतिक सफर बाबूलाल गौर को 1971 में पहली बार जनसंघ द्वारा भोपाल से विधानसभा का टिकट दिया था. परन्तु वे इस चुनाव में करीब 16 हजार वोटों से हार गए थे. विधायक के पद के लिए उन्हें पहली जीत साल 1974 में मिली थी, जब उन्हें मध्यप्रदेश की गोविंदपुरा सीट से विधायक चुना गया था. इसके बाद से आज तक इस सीट पर उन्ही का दबदबा कायम है. मिजोरम चुनाव: कांग्रेस ने सभी 40 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम किए घोषित रह चुके है मुख्यमंत्री भी वर्ष 2004 में उमा भारती द्वारा मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद बाबूलाल गौर को मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया था. हालाँकि वे मात्र 11 महीने ही सीएम की कुर्सी पर बैठ सके और इसके बाद उनकी जगह मौजूदा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ले ली. चुनावी अपडेट चुनावी जंग : मनमोहन का भी टूटा 'मौन', पीएम मोदी पर साधे निशाने मिशन 2019: शाह और नीतिश में हुआ बड़ा करार, बराबर सीटों पर लड़ेंगे लोक सभा चुनाव छत्तीसगढ़ चुनाव: इस बार के चुनाव में रहेगा महिलाओं का ज़ोर, तय करेंगी राज्य का भविष्य लोकसभा चुनाव 2019: BJP मंत्री का दावा, अगर शिवसेना BJP से अलग लड़ेगी तो उठाना पड़ेगा भारी नुकसान