चेन्नई: मद्रास उच्च न्यायालय ने एक सैन्य कर्मी का उसकी सेवा के आखिरी चरण में तबादला करने का आदेश निरस्त कर दिया है। जानकारी के अनुसार बता दें कि अदालत ने साथ ही टिप्पणी की कि सेना का यह कर्तव्य है कि वह युवकों को बेहतर वेतन के लिये ही नहीं बल्कि अच्छी सेवा शर्तो के लिये भी सैन्य बलों का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित करे। दो खालिस्तान समर्थकों को महाराष्ट्र एटीएस ने किया गिरफ्तार वहीं बता दें कि न्यायमूर्ति एस विमला ने चेन्नई के हवलदार बी शक्तिवेल को उनकी सेवा के आखिरी चरण में जम्मू-कश्मीर तबादला करने का आदेश निरस्त कर दिया। इसके साथ ही बता दें कि उन्होंने प्राधिकारियों को निर्देश दिया कि शक्तिवेल को उसकी सेवानिवृत्ति तक चेन्नई में ही कार्यरत रहने दिया जाये। बता दें कि शक्तिवेल वर्ष 2020 में सेवानिवृत्त होने वाले हैं। दिल्ली में घुटने लगा दम, समग्र वायु गुणवत्ता 404 दर्ज किया गया वहीं न्यायमूर्ति विमला ने कहा, सेना का कर्तव्य है कि वह देश के युवाओं को सैन्य बलों का हिस्सा बनने के लिए प्ररित करें, केवल बेहतर वेतन के लिये ही नहीं बल्कि अच्छी सेवा शर्तो के लिए भी। हवलदार शक्तिवेल का 20 अगस्त 2018 को जम्मू कश्मीर तबादला किया गया था। बता दें कि चेन्नई में उसकी तैनाती 30 अप्रैल, 2016 को 36 महीने के लिये हुयी थी लेकिन इससे पहले ही उसका तबादला कर दिया था। खबरें और भी संत गोपालदास की माँ ने सरकार पर लगाये गंभीर आरोप देशवासियों को IRCTC ने दिया नववर्ष का तोहफा, देश-विदेश के लिए लांच किए सस्ते टूर पैकेज भागलपुर नई दिल्ली साप्ताहिक एक्सप्रेस के मार्ग में हुआ बदलाव