नई दिल्ली: भारत में इस समय आॅनलाइन खरीदारी की काफी तेज डिमांड चल रही है और प्राय: सभी लोग आॅनलाइन ही खरीदारी कर रहे हैं। हाल में मद्रास हाईकोर्ट ने एक फैसला दिया है जिसके अनुसार अब ऑनलाइन दवा का कारोबार बिल्कुल भी नहीं होगा। कोर्ट ने इस पर अंतिम आदेश देते हुए पूरी तरह से रोक लगा दी है। यहां हम आपको बता दें कि यह रोक अभी 9 नवंबर तक ही मान्य रहेगी क्योंकि कोर्ट में अगली सुनवाई 9 नवंबर को होगी। 2019 में मुकेश अंबानी दे सकते हैं ग्राहकों को नई सुविधा जानकारी के अनुसार बता दें कि मद्रास कोर्ट के द्वारा लगाए गए प्रतिबंध से जहां कारोबार पर इसका असर पड़ेगा। वहीं रोक लगने के बाद सबसे ज्यादा असर उन ई-कॉमर्स कंपनियों पर पड़ेगा,जो पूरे देश में ऑनलाइन दवा की बिक्री करती हैं। दरअसल आॅनलाइन दवाईयों के वितरण से काफी नुकसान होता है और इसके लिए केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन ने याचिका दायर की थी जिसमें कहा गया था कि खराब और बिना रेगुलेशन के दवा बेचने से आम लोगों के जीवन पर खतरा मंडराता है। विशेष मुहूर्त में खरीदें सोना, 30 और 31 अक्टूबर को बना है दुर्लभ योग गौरतलब है कि आॅनलाइन खरीदारी में लोगों को अक्सर घाटा ही सहना पड़ता है और आॅनलाइन दवाइयों के विक्रय से व्यापारियों द्वारा अपना मुनाफा ही देखा जाएगा यहां बता दें कि दवा कारोबारियों के मुताबिक ऑनलाइन व्यवस्था से दवाओं की कालाबाजारी बढ़ने के साथ उनकी गुणवत्ता पर भी असर पड़ता है और अब इस नई तकनीक से नशे के लिए इस्तेमाल होने वाली दवाओं का कारोबार तेजी से बढ़ेगा। खबरें और भी पंजाब नेशनल बैंक नवंबर में करेगा अपना लोन महंगा अब डोमिनोज पिज्जा के साथ नहीं मिलेगा सॉफ्टड्रिंक कोका कोला, 20 साल का करार खत्म सरकार और आरबीआई में बढ़ी तकरार, गवर्नर उर्जित पटेल दे सकते हैं इस्तीफा