लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) का पूर्व सांसद और माफिया अतीक अहमद ने सपा सरकार में किस प्रकार कानून व्यवस्था की धज्जियाँ उड़ाई थी, उसके राज़ अब धीरे-धीरे सामने आ रहे हैं। पुलिस अब अतीक के चकिया स्थित कार्यालय के रहस्यों से अब पर्दा हटा रही है। इसी दफ्तर से 2 बार असलहे बरामद कर चुकी पुलिस की कहानी से इतर स्थानीय लोग इसे टॉर्चर रूम बताते हैं। अतीक अहमद के सताए हुए लोगों की मानें तो यह दफ्तर नहीं, बल्कि माफिया का गुंडा टैक्स वसूली का अड्डा हुआ करता था। यहीं बैठकर अतीक अपने काले कारनामों को अंजाम दिया करता था। माफिया की बात न मानने वालों को उसके गुर्गें उठा लाते थे और कमरे में बंधक बनाकर पीटते थे। बताया जाता है कि, बसपा विधायक राजू पल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल को किडनैप करने के बाद इसी दफ्तर में लाकर मारा -पीटा गया था। पुलिस रिकार्ड के अनुसार, 2005 में धूमनगंज में बसपा MLA राजू पाल की हत्या कर दी गई थी। इस घटना के बाद राजू पाल के दोस्त और उनकी पत्नी पूजा पाल के रिश्तेदार उमेश पाल ने अतीक के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ने का फैसला कर लिया था। इसी मामले में उमेश पाल को अतीक के खिलाफ गवाही देनी थी, मगर गवाही से पहले ही अतीक के गुर्गों ने उमेश पाल को किडनैप करा लिया और उसे चकिया स्थित दफ्तर पर ले आए। इसी दफ्तर में बने टार्चर रूम में उमेश पाल को मुर्गा बनाकर बेरहमी से पीटा गया और हत्या की धमकी दी गई। मौत का डर दिखाकर उमेश पाल को गवाही बदलने को धमकाया गया। उस समय सपा सरकार होने के कारण उमेश के पास अपनी जिंदगी बचाने के लिए गवाही बदलने के अलावा दूसरा कोई रास्ता नहीं था। उसने दहशत में अतीक और अशरफ के खिलाफ गवाही नहीं दी। मगर, 2007 में बसपा का राज आ गया और मायावती सीएम बन गईं। शासन बदलते ही कहानी बदल गई और उमेश पाल ने अतीक के खिलाफ अपहरण की प्राथमिकी दर्ज करा दी। इसी मुकदमे में अब 16 साल बाद फैसला आने वाला है। उमेश की हत्या के बाद से कहा जा रहा है कि सजा होने से पहले ही अतीक ने उमेश पाल का मर्डर करा दिया। अब माफिया अतीक अहमद के चकिया स्थित दफ्तर और कथित टॉर्चर रूम की फिर जांच हो रही है। 'सारे मोदी चोर हैं..', राहुल गांधी के खिलाफ दाखिल मानहानि मामले में फैसला आज ! शारदा पीठ: 2400 वर्ष प्राचीन हिन्दू मंदिर, 70 साल से नहीं हुई पूजा, अब अमित शाह ने किया उद्घाटन योगी पर यूपी का भरोसा बरक़रार, UP PACS चुनाव में 7000 में से 6200 सीटों पर खिला 'कमल'