मुंबई: हाल ही में महाविकास अघाड़ी की तीन पहियों की सरकार के आगे बढ़ने से पहले ही खींचतान शुरू हो गई हैं. शिवसेना को मुख्यमंत्री पद देने के बाद कांग्रेस-एनसीपी में उपमुख्यमंत्री पद के लिए ठन गई है. कांग्रेस उपमुख्यमंत्री पद मांग रही है, जबकि एनसीपी ने इस पर अपना दावा ठोका है. जंहा अघाड़ी में कांग्रेस को विधानसभा अध्यक्ष पद देने की बात हुई है. वहीं दो उपमुख्यमंत्रियों पर भी एनसीपी राजी नहीं है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह विवाद सामने आने के बाद एनसीपी नेता अजित पवार ने शुक्रवार को मीडिया में कहा कि महाविकास अघाड़ी में किसे क्या मिलेगा, यह पहले ही तय हो चुका है. बंटवारे के मुताबिक शिवसेना को मुख्यमंत्री पद मिला जबकि एनसीपी को उपमुख्यमंत्री तथा विधानसभा का उपाध्यक्ष पद और कांग्रेस को विधानसभा अध्यक्ष का पद मिलेगा. कांग्रेस की मांग पर उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है. दिल्ली पत्र भेज कर कांग्रेस आलाकमान से विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए उनके नेता का नाम मांगा गया है, जो शनिवार सुबह 11 बजे के पहले राज्यपाल को भेजा जाना है. यदि हम बात करें सूत्रों कि तो उधर, सूत्रों का कहना है कि मामला इतना आसान नहीं है, जितना पवार बता रहे हैं. वहीं कांग्रेस नेताओं का कहना है कि पार्टी इस बात पर राजी है कि मंत्रिमंडल में एकाध जगह कम मिले परंतु उपमुख्यमंत्री पद जरूरी है क्योंकि तभी महाविकास अघाड़ी की सरकार में तीनों दलों का गठबंधन दिखेगा. उद्धव के मुख्यमंत्री पद की शपथ से पहले भी अघाड़ी की बैठक में यह मुद्दा उठा था और तब भी कांग्रेस ने कहा था कि उसे उपमुख्यमंत्री पद नहीं मिला तो बेहतर होगा कि शिवसेना-एनसीपी मिलकर सरकार बनाएं. वह उन्हें बाहर से समर्थन देगी. भाजपा का महाविकास अघाड़ी पर बड़ा आरोप, पलटवार करते हुए सरकार को घेरने की कोशिश इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेने कानपुर पहुंचे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कांग्रेस विधायक हुए आग बबूला, अफसरशाही के खिलाफ कही ये बात