कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान दूरदर्शन पर प्रसारित हो रहे टीवी सीरियल महाभारत (Mahabharat)के बीते एपिसोड में आपने देखा कि चौसर में पांडवों के हार जाने के बाद दुर्योधन द्रौपदी को दरबार में आने का आदेश देता है। इसके साथ ही द्रौपदी गुस्से में दुर्योधन का कहा मानने से इंकार कर देती है, वहीं भरी सभा में बेज्जती होने के बाद पांडव चुपचाप बैठे नजर आते हैं। वहीं आज सुबह के एपिसोड में हाईवोल्टेज ड्रामा देखने को मिला। इसके साथ ही द्रौपदी के नखरों को देखकर दुर्योधन अपने भाई दुशासन को आदेश देता है कि वो द्रौपदी को बालों से घसीटकर दरबार में लाए। ये बात सुनकर भीष्म और विधुर का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच जाता है और दोनों दुर्योधन को ऐसा न करने की चेतावनी देते हैं। इसके अलावा दुर्योधन का हट देखकर गुरू द्रोणाचार्य भी उसको समझाने की कोशिश करते हैं और उसका भाई विकर्ण भी उसे ये पाप करने से मना करता है परन्तु सभी की बातों को अनदेखा कर दुर्योधन अपनी बात पर अडिग रहता है। ऐसे में दुशासन द्रौपदी को जबरदस्ती घसीटकर राज दरबार में ले आता है।अपनी ऐसी हालत देखकर द्रौपदी भीष्म पितामह, विधुर और धृतराष्ट्र से सवाल करती है और कुलवधू होने के नाते अपनी नाराजगी जताती है। इसी बीच दुर्योधन अपने भाई दुशासन को द्रौपदी की साड़ी खींचने का हुक्म देता है। दुशासन के साड़ी खींचते ही द्रौपदी भगवान कृष्ण का नाम जपना शुरू कर देती है और खुद को बचाने के लिए प्रार्थना करती है। आपकी जानकारी के लिए बता दें की द्रौपदी की पुकार सुनते ही श्रीकृष्ण अवतरित हो जाते हैं और द्रौपदी की साड़ी अपने आप ही बढ़ने लग जाती है। दुशासन के लाख जोर लगाने पर भी द्रौपदी की साड़ी खत्म होने का नाम ही नहीं लेती है। ये देखकर दुर्योधन और बाकी लोग काफी हैरान हो जाते हैं। द्रौपदी की लाज बचाकर कृष्ण अपना वादा पूरा कर देते हैं। कुछ समय पहले ही द्रौपदी ने कृष्ण के जख्मी हाथ पर अपनी साड़ी का टुकड़ा बांधा था। द्रौपदी के इस दुलार को देखकर कृष्ण ने वचन दिया था कि जरुरत पड़ने पर वो अपनी सखा की मदद जरुर करेंगे। दुर्योधन के षड्यंत्र में फंसे पांडव, चौसर के दांव में हार गए द्रौपती ब्रेकअप की अफवाहों पर करण कुंद्रा ने कही यह बात राम-सीता ने कैकयी और मंथरा को किया माफ़, उत्तर रामायण हुआ शुरू