16 दिन तक चलेगा श्री महालक्ष्मी व्रत, जानिए शुभ मुहूर्त से लेकर चढ़ावे का सामान

भाद्रपद की शुक्ल अष्टमी के दिन से श्री महालक्ष्मी व्रत शुरू होता है।  जी हाँ और कहा जाता है यह (Mahalaxmi Puja) सोलह दिनों तक चलता है और इस व्रत में मां लक्ष्मी का विधि-विधान से पूजन किया जाता है। वहीं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, महालक्ष्मी व्रत को रखने से मां लक्ष्मी की कृपा से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। कहा जाता है महालक्ष्मी व्रत से बड़े लाभ होते हैं, हालाँकि इस व्रत में अन्न ग्रहण नहीं किया जाता है। वहीं व्रत के 16वें दिन महालक्ष्मी व्रत का उद्यापन किया जाता है। इस व्रत को काफी शुभ माना जाता है। कहा जाता है इस व्रत के दौरान विधि-विधान से पूजन करने से सुख-समृद्धि और धन की प्राप्ति होती है। ऐसी मान्यता है कि जिस घर की महिलाएं इस व्रत को रखती हैं, उस घर में पारिवारिक शांति हमेशा बनी रहती है।

महालक्ष्मी व्रत तिथि और शुभ मुहूर्त: महालक्ष्मी व्रत शनिवार, सितम्बर 3, 2022 को चन्द्रोदय समय - 12:35 पी एम महालक्ष्मी व्रत प्रारम्भ शनिवार, सितम्बर 3, 2022 को महालक्ष्मी व्रत पूर्ण शनिवार, सितम्बर 17, 2022 को सम्पूर्ण महालक्ष्मी व्रत के दिन - 15 अष्टमी तिथि प्रारम्भ - सितम्बर 03, 2022 को 12:28 पी एम बजे अष्टमी तिथि समाप्त - सितम्बर 04, 2022 को 10:39 ए एम बजे

महालक्ष्मी व्रत की पूजा विधि- कहते हैं अगर विधि पूर्वक और श्रद्धा से महालक्ष्मी व्रत पूरा किया जाए तो देवी लक्ष्मी बहुत प्रसन्न हो जाती हैं। जी हाँ और मान्यताओं में महालक्ष्मी व्रत का काफी महत्व है। इस व्रत को रखने वाली सुहागन महिलाओं को लक्ष्मी माता को सुहाग का सामान जैसे, साड़ी, बिंदी, सिंदूर, बिछिया, चूड़ी आदि अर्पित करनी होती है। जी दरअसल ऐसा कहा जाता है ऐसा करने से सुहाग की उम्र बढ़ती है और घर में सुख-शांति रहती है। आप माता को फूल चढ़ाएं और दीपक या धूप चढ़ाने के बाद विधिवत पूजा करें और इसके बाद मां महालक्ष्मी को कमलगट्टा चढ़ाएं और आरती करें। ध्यान रहे भोग लगाने के बाद मां महालक्ष्मी स्त्रोत और कथा पढ़ी जाती है।

अष्टमी तिथि से शुरू होगा महालक्ष्मी व्रत, इस तरह करें पूजन

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