भारत में ऐसे कई राजा-महाराजा है जिनके शोक भी अजीबो गरीब रहे है. ऐसे ही एक राजा थे पटियाला रियासत के महाराजा भूपिंदर सिंह, जिनकी रंगीन मिजाजी के किस्से तो पूरी दुनिया में मशहूर हैं. 12 अक्तूबर 1891 को जन्मे भूपिंदर सिंह आठ नवंबर 1900 को महज नौ साल की उम्र में ही राजा बन गए थे. हालांकि जब वो 18 साल के हुए, तब उन्होंने अपना कार्यभार संभाला था और पटियाला पर 38 सालों तक राज किया था. आज हम आपको महाराजा भूपिंदर सिंह की जिंदगी के बारे में कुछ रोचक बातें बताने जा रहे है, जो आपको चौका देगी. महाराजा भूपिंदर सिंह की रंगीन मिजाजी का जिक्र दीवान जरमनी दास ने अपनी किताब 'महाराजा' में विस्तार से किया है. उनके अनुसार, राजा ने पटियाला में 'लीला-भवन' या रंगरलियों का महल बनवाया था, जहां सिर्फ बिना कपड़ों के ही लोगों को एंट्री मिलती थी. यह महल पटियाला शहर में भूपेंदरनगर जाने वाली सड़क पर बाहरदरी बाग के करीब बना हुआ है. दीवान जरमनी दास के आनुसार, महल का एक खास कमरा, जो 'प्रेम मंदिर' कहलाता था, महाराजा के लिए रिजर्व था, यानी उस कमरे में उनके अलावा और कोई नहीं आ सकता था, बिना उनकी इजाजत के. इस कमरे में राजा के भोग-विलास का पूरा इंतजाम रहता था. उनके महल के अंदर एक बड़ा सा तालाब भी था, जिसे स्विमिंग पूल कह सकते हैं, उसमें एक साथ लगभग 150 लोगों के नहाने की व्यवस्था थी. राजा अक्सर यहां पार्टियां दिया करते थे, जिसमें वो अपनी चहेतियों और प्रेमिकाओं को बुलाते थे. इसके अलावा महाराजा के कुछ खास लोग भी पार्टी में शामिल होते थे. ये लोग तालाब में खूब नहाते-तैरते और 'अय्याशी' करते थे. इतिहासकारों के आनुसार, महाराजा भूपिंदर सिंह की 10 रानियों समेत कुल 365 रानियां थीं, जिनके लिए पटियाला में भव्य महल बनाए गए थे. इन महलों में रानियों के स्वास्थ्य की जांच के लिए हर वक्त चिकित्सा विशेषज्ञों की एक टीम भी मौजूद रहती थी. दीवान जरमनी दास के मुताबिक, महाराजा की 10 पत्नियों से 83 बच्चे हुए थे, जिनमें से 53 बच्चे ही जिंदा रह पाए थे. ये भी कहते हैं कि महाराजा के महल में हर रोज 365 लालटेनें जलाई जाती थीं और हर लालटेन पर उनकी 365 रानियों के नाम लिखे होते थे. जो लालटेन सुबह पहले बुझती थी, राजा उस लालटेन पर लिखे रानी के नाम को पढ़ते थे और फिर उसी के साथ वो रात गुजारते थे. रंगीन मिजाजी के अलावा महाराजा भूपिंदर सिंह और भी कई चीजों के लिए दुनियाभर में मशहूर थे. उनके पास विश्व प्रसिद्ध 'पटियाला हार' था, जिसे आभूषण बनाने वाली मशहूर कंपनी कार्टियर ने बनाया था. कहते हैं कि इसमें 2900 से ज्यादा हीरे और कीमती रत्न जड़े हुए थे. उस हार में उस वक्त का दुनिया का सातवां सबसे बड़ा हीरा जड़ा था. साल 1948 के आसपास पटियाला के शाही खजाने से यह बेशकीमती हार गायब हो गया था और कई सालों के बाद उसके अलग-अलग हिस्से कई जगहों पर मिले थे. हाथी को बचाने के लिए उतरे थे नहर में लेकिन गवा दी अपनी जान इस सांड की खुजली 800 घरों की बिजली पर पड़ी भारी इस हाथी को नहाता देख लोगों की गर्मी हो रही है दूर