औरंगाबाद: महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले की रहने वाली दीक्षा शिंदे इस समय चर्चाओं का हिस्सा बनी हुईं हैं। जी दरअसल दीक्षा वो है जिन्होंने भारत का नाम दुनियाभर में रोशन कर दिया है। उनकी उम्र इस समय मात्र 14 साल है और उन्होंने इस उम्र में बड़ा कारनामा किया है। जी दरअसल उनका नाम नासा ने अपने यहां फेलोशिप के लिए अनाउंस किया है। मिली जानकारी के तहत दीक्षा शिंदे को नासा के एमएसआई फैलोशिप वर्चुअल पैनल पर पैनलिस्ट के रूप में चुना गया था। एक मशहूर वेबसाइट से बातचीत में दीक्षा शिंदे ने कहा, 'उन्होंने ब्लैक होल और गॉड पर एक थ्योरी लिखी थी।' आगे उन्होंने कहा, 'उन्हें जून 2021 में MSI फैलोशिप वर्चुअल पैनल के लिए पैनलिस्ट के रूप में चुना गया था।' दीक्षा ने बताया, 'मैंने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया और जल्द ही काम करना शुरू कर दूंगी।। मेरे काम में शोधकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत प्रस्तावों की समीक्षा करना और नासा के साथ अनुसंधान करना शामिल है। लगभग 3 कोशिशों के बाद नासा ने उसे स्वीकार किया था। उन्होंने मुझे अपनी वेबसाइट के लिए एक आर्टिकल लिखने के लिए कहा गया था।' अब नासा में चयन होने के बाद सोशल मीडिया पर दीक्षा की तारीफों के पूल बांधे जा रहे हैं। इस समय कई लोगों ने उन्हें अपने सपनों को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया है और उन्हें शुभकामनाएं भी दी है। कई ट्विटर यूजर्स ने लिखा है, 'वह भारत का उज्जवल भविष्य हैं।' वहीँ दूसरी तरफ दीक्षा ने कहा, 'वह हर दूसरे दिन शोध चर्चा में भाग लेती हैं। उन्हें पैनलिस्ट की नौकरी के लिए भुगतान किया जाता है।' आपको बता दें कि उनके पिताता कृष्णा शिंदे, एक स्कूल में प्रिंसिपल हैं, जबकि उनकी मां रंजना शिंदे ट्यूशन क्लासें लेती हैं। दीक्षा का कहना है कि अक्टूबर 2021 में होने वाले एक सम्मेलन में भी भाग लेंगी और नासा उसका सारा खर्च वहन करेगा। MP: पुलिसकर्मियों की वर्दी से लेकर पिस्तौल तक के लिए जारी हुई गाइडलाइन अफगान क्रिकेट बोर्ड पर तालिबान ने किया कब्जा, संकट में खिलाड़ियों का भविष्य 'मिस इंडिया' बनी इंदौर की मूक-बधिर बेटी, किया अंगदान करने करने का ऐलान