मुंबई: महाराष्ट्र में नागपुर सेंट्रल जेल से 12 वर्ष पूर्व कत्ल के केस में उम्रकैद की सजा काट रहा एक कैदी बेटियों को अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए पेरोल पर जेल से बाहर आ गया था। जिसके उपरांत वह अचानक लापता हो गया। वह 12 वर्ष तक पुलिस को चकमा देता रहा, फिर एक दिन (12 मई) को अचानक उसने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। उसे फिर से नागपुर सेंट्रल जेल में भेज दिया गया है। इस कैदी का नाम संजय तेजने है और उसकी आयु तकरीबन 50 वर्ष है। चौंकाने वाली बात यह है कि वह अपनी बेटियों की अच्छी पढ़ाई के लिए झांसा देकर जेल से बाहर आ गया था और इतने दिन लापता रहा। अब बेटियों के लिए ही उसने खुद को पुलिस के हवाले कर दिया है। उसकी बेटियां IAS ऑफसर बनना चाह रही थी। ऐसे में वह नहीं चाहता है कि उसके किसी निणर्य से बेटियों का भविष्य खराब हो। महाराष्ट्र बोर्ड परीक्षा में 12 मई को उसकी जुड़वां बेटियों ने 86 प्रतिशत और 83 प्रतिशत नंबर लाकर शानदार कामयाबी अपने नाम कर ली थी। उसका कहना है कि सरेंडर के पीछे एकमात्र उसका मकसद बेटियों की तकदीर को सुनहरा बनाना है। 12 वर्ष छिपकर संजय कहां रहा, यह कहानी भी दिलचस्प है। इस बीच उसने एक प्रिंटिंग प्रेस में नौकरी की और बेटियों से छुप-छुप कर मिला करता था। पकड़ा न जाए इसलिए कभी फोन पर बात नहीं की। कहीं घूमने नहीं जाता, न ही कहीं बाहर निकला करता था। उसका सिर्फ एक लक्ष्य था कि बेटियां किसी तरह 10वीं पास कर लें। संजय तेजने को कत्ल के इल्जाम में वर्ष 2003 में वर्धा पुलिस ने गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने उसे दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुना दी थी। वर्ष 2010 वह परोल पर जेल से बाहर आया था। इसके बाद 12 वर्ष तक फरार रहा। अब उसने सरेंडर कर दिया है। केन्या में नौ अगस्त को होने वाले चुनाव के लिए सुरक्षा बढ़ाई गई ओडिशा में बिजली गिरने से 5 लोगों की दर्दनाक मौत, 5 बुरी तरह घायल 'उर्दू पढ़ाओ, वरना स्कूल में ताला लगा देंगे..', राजस्थान के सरकारी विद्यालय को धमकी, Video