मुंबईः महाराष्ट्र में जैसे - जैसे विधानसभा चुनाव का समय करीब आ रहा है। राजनीतिक दलों के बीच तलवार खींचती नजर आ रही है। शिवसेना ने अपनी सहयोगी बीजेपी पर कड़ा प्रहार किया है। सेना ने अपने मुखपत्र सामना में मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना की। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा शुक्रवार को नोटबंदी के बाद देश में भ्रष्टाचार बढ़ने की स्वीकारोक्ति को आधार बनाते हुए सामना के संपादकीय में अर्थव्यवस्था की मंदी और बेरोजगारी के लिए पीएम मोदी की सरकार के नोटबंदी के निर्णय को जिम्मेदार ठहराया गया है। प्रदेश में सितंबर-अक्तूबर में होने वाले संभावित विधानसभा चुनावों से पहले शिवसेना-भाजपा के बीच अभी तक बढ़िया तालमेल देखने को मिला है, ऐसे में ‘सामना’ के इस तेवर ने लोगों को चकित किया है। सामना ने संपादकीय में लिखा कि मंदी और बेरोजगारी की जड़ नोटबंदी के निर्णय में है। लेख में लिखा गया कि नोटबंदी से कई लोगों का काला पैसा सफेद हुआ है ये स्वीकारना चाहिए। लेकिन करोड़ों लोगों ने अपनी नौकरी भी गवां दी, ये कटु सत्य है। संपादकीय में लिखा गया है कि अगर वित्तमंत्री बता देतीं कि वर्तमान सरकार में हुए भ्रष्टाचार किसने किए और उन पर क्या कार्रवाई हुई तो अच्छा होता। सामना ने लिखा है कि नए शासन में विदेश से काला धन वापस नहीं आया और उल्टे बैंकों को डुबोने वाले 100 से ज्यादा उद्योगपति देश से भाग गए। उन्हें सीबीआई ने नहीं रोका और ईडी ने भी नहीं टोका। बता दें शिवसेना की नजरें राज्य के सीएम पद पर है। महबूबा मुफ़्ती और उमर अब्दुल्ला को छूट दे सकती है सरकार, लेकिन माननी होगी ये शर्त... राहुल गाँधी के कश्मीर दौरे ने फिर दिया पाकिस्तान को मौका, पाक मंत्री ने भारत को जमकर कोसा INX मीडिया मामला: चिदंबरम की मुश्किलें बढ़ीं, पूछताछ में CA ने किया बड़ा खुलासा