नई दिल्ली: कोरोना के कहर से बनी स्वास्थ्य और आर्थिक स्थितियों को दूर करने के लिए महाराष्ट्र के सीएम, डिप्टी सीएम से लेकर विधानमंडल के सभी सदस्य के साथ ही स्थानीय स्वराज संस्थानों के सदस्यों तक सभी लोकप्रतिनिधियों के मार्च महीने की सैलरी में 60 फीसद की कटौती की जाएगी और उन्हें 40 फीसद का भुगतान किया जाएगा। प्रदेश में 'ए' और 'बी' वर्ग के अधिकारियों के वेतन में 50 फीसद की कटौती की जाएगी और उन्हें आधे वेतन का भुगतान किया जाएगा। 'सी' वर्ग के कर्मचारियों को 75 प्रतिशत वेतन दिया जाएगा। वहीं 'डी' कर्मचारियों के वेतन में कोई कटौती नहीं की जाएगी। यह फैसला राज्य की उद्धव ठाकरे सरकार के अधिकारियों और कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों से विचार विमर्श करते हुए लिया गया है। यह जानकारी उपमुख्यमंत्री और वित्त एवं नियोजनमंत्री अजित पवार ने दी है। डिप्टी सीएम ने कहा है कि 'कोरोना संकट' के साथ-साथ 'कोरोना' के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने के लिए सूबे की आर्थिक आय में गिरावट को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। डिप्टी सीएम ने बताया है कि विधीमंडल के दोनों सभागृह के साथ ही प्रदेश के सभी स्थानीय स्वराज संस्था के अध्यक्ष, पदाधिकारी, सदस्य और सूबे के सभी सरकारी अधिकारी, कर्मचारियों का समर्थन इस निर्णय पर है। क्या एक जुलाई से शुरू होगा नया वित्त वर्ष ? जानिए हकीकत प्रशासनिक कार्यकारी के रिक्त पदों पर निकली वैकेंसी, जल्द करें आवेदन कोरोना का कहर, 17 साल के निचले स्तर पर पहुंचे कच्चे तेल के दाम