महाराष्ट्र किसान आंदोलन हिंसक हुआ , सुरक्षा के साये में रवाना हुए दूध टैंकर

पुणे/नासिक/औरंगाबाद : पिछले पांच दिन से महाराष्ट्र में जारी किसान आंदोलन सोमवार सुबह हिंसक होने की खबर है.अहमदनगर जिले में पुलिस टीम पर हमला हुआ जिसमें एक सब इंस्पेक्टर जख्मी हो गया. वहीं, राहुरी में दूध के एक टैंकर में आग लगा दी गई. इसके बाद पुलिस सुरक्षा में मुंबई के लिए दूध टैंकर रवाना किए गए. किसान नेताओं में फूट पड़ने से इस आंदोलन ने फिर जोर पकड़ लिया और हिंसक हो गया.

उल्लेखनीय है कि राज्य का किसान आंदोलन अब दो धड़ों में बंट गया है. संघ और बीजेपी से जुड़े किसान नेताओं ने जहाँ आंदोलन वापस लेने का एलान किया है. स्वाभिमानी किसान संगठन, भूमाता किसान आंदोलन और अन्य संगठनों ने यह आंदोलन जारी रखा है. इस बारे में प्रहार संगठन के नेता और विधायक बच्चू कडू ने कहा कि किसानों की मांगें पूरी होने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा. जबकि सीएम फडणवीस ने 2 जून को किसान नेता जयाजीराव सूर्यवंशी के साथ हुई बैठक में किसानों को 31 अक्टूबर तक कर्ज माफी के मुद्दे पर फैसला लेने का भरोसा दिलाया था.यही नहीं राज्य में जल्द ही कृषि मूल्य आयोग बनाने और किसानों के बिजली के बिलों को भी माफ करने के लिए भी आश्वस्त किया गया था.इसके बावजूद भी कई जगहों पर आंदोलन जारी है.

बता दें कि किसान आंदोलन का असर राज्य में पड़ा है. पुणे के शिरुर में आज बाजार बंद हैं, वहीं नासिक के मालेगांव सूरत हाईवे पर किसानों ने चक्का जाम आंदोलन शुरू कर दिया है. उधर यवतमाल के लोहार में यात्रियों को बस से उतारकर तोड़फोड़ की गई.तो संगमनेर में सीएम फड़णवीस का पुतला जलाया गया.राज्य में बंद के कारण कोल्हापुर की गोकुल डेयरी ने दूध खरीदने से मना कर दिया है.इसलिए अब मुंबई में अब पुलिस सुरक्षा में गुजरात और महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों से दूध लाया जा रहा है.पांच दिन से हड़ताल जारी रहने के कारण करीब 10 लाख लीटर दूध बर्बाद हो गया.

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