मुंबई: शिवसेना के तमाम विरोध के बाद सोमवार (23 सितंबर) को राज्यसभा सांसद और राज्य के पूर्व सीएम रहे नारायण राणे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने की खबर चर्चाओं में हैं। नारायण राणे शिवसेना की ओर से राज्य के सीएम रहे और फिर 5 वर्ष तक प्रदेश में शिवसेना की तरफ से सदन मे विपक्ष के नेता भी रहे। राणे ने जुलाई 2005 मे शिवसेना से इस्तीफा दे दिया थे। उस समय शिवसेना छोड़ने पर का मुख्य कारण राणे का वर्तमान शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से टकराव बताया गया। शिवसेना छोड़ने पर राणे ने शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे और उद्धव ठाकरे के बाद के काफी भला-बुरा कहा थी, जिससे दोनों के बीच संबंध काफी बिगड़ गए थे। शिवसेना छोड़ने से बाद नारायण राणे ने कांग्रेस पार्टी का दामन थामा था। कांग्रेस-एनसीपी की सरकार में राणे राजस्व मंत्री समेत कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे। किन्तु वो हमेशा अपने काम से कम और अपने बयानों के चलते अधिक चर्चे मे रहे। एक बार तो हालात इतने बिगड़ गए कि उन्हें दिल्ली जाकर सोनिया गांधी के पास माफीनामा तक देना पड़ा। सितंबर 2017 मे राणे ने कांग्रेस भी छोड़ दी और अपनी पार्टी (महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष) गठित की। अब बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 से पहले नारायण राणे अपनी इसी पार्टी का विलय भाजपा में करने वाले हैं। ममता बनर्जी का सरकार पर तंज, कहा- बंगाल में अब भी लोकतंत्र है, लेकिन कुछ जगह.... हरियाणा विधानसभा चुनाव: भाजपा जल्द कर सकती है उम्मीदवारों का ऐलान, प्रदेश अध्यक्ष ने दिए संकेत आयुष्मान दिवस: सीएम योगी का बड़ा ऐलान, कहा- यूपी में खोले जाएंगे 15 नए मेडिकल कॉलेज