मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई उच्च न्यायलय में परमबीर सिंह मामले में जवाब दायर किया है। दाखिल जवाब में कहा गया है कि अभी तक मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह का कोई पता नहीं चला है। वहीं, बचाव पक्ष में परमबीर सिंह की ओर से पेश हुए वकील ने बताया कि उन्हें अभी भगोड़ा घोषित नहीं किया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह सुनवाई न्यायमूर्ति नितिन जामदार और न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल की खंडपीठ में हुई। इसमें महाराष्ट्र सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील डेरियस खंबाटा पेश हुए थे। परमबीर सिंह की ओर से वकील महेश जेठमलानी ने पक्ष रखा। IPS परमबीर सिंह अभी महाराष्ट्र के DG होमगार्ड हैं। परमबीर सिंह के वकील के मुताबिक, उन्हें 2 बार समन जारी हुआ और दोनों बार उन्होंने समन का उत्तर दिया है। इस आधार पर उन्हें भगोड़ा घोषित नहीं किया गया है। जबकि सरकार के पक्ष का कहना था कि सरकार अब अपने इस आश्वासन पर कायम नहीं रहना चाहती कि उनके खिलाफ दर्ज केस में उन पर कोई एक्शन नहीं लिया जाएगा। सरकार के मुताबिक, अन्य मामलों की जाँच में प्रगति हुई है। इसी के चलते हालात में परिवर्तन हुआ है। उच्च न्यायालय में यह सुनवाई परमबीर सिंह पर पुलिस इंस्पेक्टर भीमराव घाडगे द्वारा लगाए गए आरोपों पर चल रही थी। IPS परमबीर सिंह पर इंस्पेक्टर भीमराव घाडगे ने इल्जाम लगाया था कि वर्ष 2015 में एक मामले की जाँच के दौरान उन्हें जातिसूचक शब्द बोल कर अपमानित किया गया था। इंस्पेक्टर घाडगे के मुताबिक, यह गालियाँ उन्हें एक मामले से कुछ लोगों का नाम न निकालने के जवाब पर दी गई थीं। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान को दी मंजूरी जापान में विदेशी आगंतुकों में आई 99 प्रतिशत से अधिक की गिरावट सीरिया ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से किया आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने का आह्वान